दयानंद विद्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस पर कार्यक्रम हुआ आयोजित
विश्व सेवा संघ संवाददाता
अर्जुन यादव
बढ़नी- दयानन्द एवं आर्यकन्या विद्यालय के प्रांगण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी के अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर वृहद प्रकाश डाला।
कु सिया पाण्डेय , शिवाजी , सुधीर चौधरी , जारा खान, देवेन्द्र त्रिपाठी , सृष्टि चौधरी, वर्तिका पाण्डेय आदि छात्र छात्राओं ने विलक्षण प्रतिभा के धनी देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वे प्रखर वक्ता, कवि और पत्रकार थे। उन्होंने विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में संपादन का कार्य किया। कहा कि वाजपेयी जी ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित कर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। उनके असाधारण कार्यों के लिए 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बाजपेयी जी ने भारत देश के चारों कोनो को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरूआत की। इस परियोजना के अंतर्गत दिल्ली , कलकत्ता , चेन्नई तथा मुंबई को राजमार्गों से जोड़ा गया। ऐसा माना जाता है कि अटल जी के कार्यकाल में जितनी सड़कों का निर्माण हुआ उतना शेरशाह सूरी के समय में हुआ था।
एक सौ से भी अधिक पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया।
छात्र जीवन से ही अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयं सेवक रहे। वे आजीवन अविवाहित रहे इसलिए उन्हें भीष्म पितामह भी कहा जाता है। सन 2005 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया और नई दिल्ली कृष्णा मेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे। लंबी बीमारी के बाद वाजपेयी जी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया। उक्त कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ शिक्षक जे आर राही ने किया। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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