परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण – 2024 हुई आयोजित
विश्व सेवा संघ न्यूज टीम
बढ़नी- विकास खण्ड बढ़नी के अहिरौला में स्वामी विवेकानन्द पब्लिक जूनियर हाईस्कूल में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 आयोजित हुई। जिसमें तीन अध्यापक और सात बच्चों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान पीजीटी ऑब्जर्वर राजेश कुमार और फील्ड इन्वेस्टिगेटर श्यामू यादव के देखरेख में सकुशल सम्पन्न हुआ। राकेश कुमार ने बताया कि यह एक राष्ट्रव्यापी स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण है, जिसमें परीक्षा के आधार पर छात्रों के शैक्षिक स्तर की जांच की जाएगी। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण को पहले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) के नाम से जाना जाता था। यह सर्वे हर तीन साल में एक बार आयोजित किया जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी (NCERT) के राष्ट्रीय मूल्यांकन निकाय द्वारा एक राष्ट्रव्यापी स्कूल शिक्षा सर्वेक्षण आयोजित किया जाने वाला है, जिसका नाम परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 है। इसे पहले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) के रूप में जाना जाता था, जिसका आयोजन हर तीन साल में किया जाता है। पिछली बार नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2017-2021 में हुआ था। इस सर्वे को समय के साथ भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली की प्रगति का मूल्यांकन और निगरानी करने के लिए डिजाइन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की प्रमुख और सीईओ प्रोफेसर इंद्राणी भादुड़ी ने बताया कि इस साल 782 जिलों के 75 हजार से अधिक स्कूल और 22 लाख 94 हजार से अधिक छात्र इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ये पहली बार है जब एनसीईआरटी हेडक्वार्टर में सर्वे की प्रोग्रेस पर नजर रखने और जिलेभर से प्रश्नों का उत्तर देने के लिए 24×7 वॉर रूम बनाया गया है। यह वॉर रूम 27 नवम्बर से लाइव हुआ है और 5 दिसम्बर तक चालू रहेगा। वॉर रूम में 24 घन्टे काम करेगी टीम प्रोफेसर भादुड़ी ने बताया कि वॉर रूम में जो टीम होगी, वो अलग-अलग शिफ्ट में चौबीसों घन्टे काम करेगी। रात की शिफ्ट में दो लोग फील्ड इन्वेस्टिगेटर्स और अन्य लोगों जैसे कि मैटेरियल और लोगों की आवाजाही से जुड़े सवालों के समाधान में मदद करेंगे। इसका उद्देश्य किसी भी क्षेत्र से आने वाले किसी भी सवाल का जल्द से जल्द समाधान करना है ताकि सर्वे का काम अच्छी तरह से पूरा हो सके।इस सर्वे में छात्रों की एक परीक्षा ली जा रही है जो उनके शैक्षिक स्तर की जांच करेगा। इसके लिए छात्रों के लिए प्रश्नपत्र तैयार किए गए हैं, जबकि शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है। इसका उद्देश्य प्रमुख विषयों में छात्रों के नॉलेज का आकलन करना, जेंडर, जगह और सामाजिक-आर्थिक ग्रुप्स के आधार पर उनके परफॉर्मेंस की तुलना करने, नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-2023) के आधार पर सीखने के अन्तर के बारे में बताना, सीखने की क्षमता को प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान करना, साथ ही रिसोर्स का अलॉटमेंट करना और भविष्य के लिए नीतियों को आकार देना है। 3, 6 और 9वीं कक्षा के छात्र सम्मिलित हो रहें हैं। इस सर्वे के तहत परीक्षा के दौरान 3, 6 और 9वीं कक्षा के छात्रों की तीन विषयों की परीक्षा ली जा रही हैं। तीसरी और छठी कक्षा के छात्रों की हिंदी, मैथ्स और पर्यावरण विषय की डेढ़ घन्टे की परीक्षा होती है जबकि 9वीं कक्षा के छात्रों की हिंदी, मैथ्स, साइंस और सामाजिक विज्ञान में से किसी तीन विषयों की 2 घन्टे की परीक्षा होती है। कक्षा 3 और 6 में कुल 45 अंक और कक्षा 9 में कुल 60 अंकों की ये परीक्षा होती है। फील्ड इन्वेस्टिगेटर श्याम यादव ने बताया की प्रातःकाल प्रार्थना बेला से पहले विद्यालय में पहुंच गया हूं। सर्वे किया। इस विद्यालय में बहुत ही अनुशासन में बच्चे, अध्यापक और अन्य कर्मचारी बंधु दिखे। यहां का शिक्षा0अनुशासन और संस्कार देखकर मैं बहुत प्रभावित हूं। मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। इस दौरान प्रधानाचार्य सुनील कुमार चौधरी, प्रबंधक बंशीलाल चौधरी, महफूज आलम, सुनील पासवान, अभिषेक शुक्ला, निधि मौर्या, रिमी मौर्या,काजल अग्रहरि, सृष्टि श्रीवास्तव, हरिराम गौड़, सुनील मिश्रा, मंजू देवी, ममता कुमारी आदि उपस्थित रहें।
