विश्व सेवा संघ
उत्तर प्रदेश में जून की शुरुआत के साथ ही मौसम ने अचानक करवट ली है। जहां एक ओर लू और तेज गर्मी से लोग परेशान थे, वहीं अब बदलते मौसम ने लोगों को कुछ राहत दी है। लेकिन इस राहत के साथ ही खतरे की चेतावनी भी छुपी हुई है। 3 जून 2025 को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आंधी, तूफान और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और कई जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना है।
कैसा रहेगा 3 जून का मौसम?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर प्रदेश के लिए 3 जून को येलो अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि दिन के समय तेज धूप और उमस के बाद शाम होते-होते मौसम पूरी तरह बदल सकता है। राज्य के कई हिस्सों में बादल घिरने लगेंगे, तेज हवाएं चलेंगी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
- हवाओं की गति: 50–60 किमी/घंटा
- बारिश: हल्की से मध्यम
- आंधी-तूफान की संभावना: अधिक
- बिजली गिरने का खतरा: संभव
किन जिलों में होगा सबसे ज्यादा असर?
उत्तर प्रदेश के इन जिलों में मौसम के बदलाव का प्रभाव अधिक देखने को मिल सकता है:
- पूर्वी यूपी: गोरखपुर, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर
- केंद्रीय यूपी: लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी
- पश्चिमी यूपी: मेरठ, मुज़फ़्फरनगर, बागपत, सहारनपुर
- बुंदेलखंड: झांसी, ललितपुर, बांदा
इन जिलों में तेज आंधी, धूल भरी हवाएं, और बिजली कड़कने के साथ बारिश की चेतावनी दी गई है।
क्यों हो रहा है मौसम में यह बदलाव?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पश्चिम भारत में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से अरब सागर और हिमालय की तराई से नमी युक्त हवाएं उत्तर भारत की ओर आ रही हैं। यह हवाएं उत्तर प्रदेश में अस्थिर मौसम की स्थिति पैदा कर रही हैं, जिससे आंधी, तूफान और बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम का किसानों पर प्रभाव
उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और इस मौसम का असर खेती पर भी पड़ेगा। किसानों को इस बदले हुए मौसम को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है:
- फायदे:
- तापमान में गिरावट से फसलों को राहत मिलेगी
- मानसून पूर्व की बारिश मिट्टी की नमी को बढ़ाएगी
- नुकसान:
- तेज हवाएं खड़ी फसलों को गिरा सकती हैं
- आंधी से आम, लीची और अन्य फलों की फसल को नुकसान
- ओलावृष्टि की स्थिति में पूरी फसल चौपट हो सकती है
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के उपाय करें, जैसे कि पॉलीथिन या जाल का सहारा लेना और खेतों की मेड़ मजबूत करना।
जनता के लिए जरूरी सुझाव
- सड़क पर चलते समय सावधानी:
तेज हवाओं में पेड़ गिर सकते हैं, बिजली के तार टूट सकते हैं। बाइक या स्कूटर चलाते समय विशेष सतर्कता बरतें। - बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखें:
आंधी और बिजली गिरने के दौरान टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर जैसे उपकरणों को बंद रखें और प्लग निकाल दें। - खुले में न निकलें:
जब मौसम खराब हो, तो छत पर न जाएं और खुले मैदानों से दूरी बनाए रखें। - वाहनों को सुरक्षित स्थान पर रखें:
पेड़ों या कच्चे निर्माण के नीचे वाहन न पार्क करें। तेज हवाओं से गिरने की संभावना रहती है।
सरकारी तैयारी और प्रशासनिक दिशा-निर्देश
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है। आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- हर जिले में कंट्रोल रूम सक्रिय
- पुलिस, NDRF और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट
- ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी के माध्यम से लोगों को सतर्क किया जा रहा है
- बिजली विभाग द्वारा पुराने खंभों की जांच
पिछले कुछ दिनों का मौसम कैसा रहा?
मई के अंतिम सप्ताह में भी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और धूल भरी आंधी दर्ज की गई थी। इससे तापमान में 3–5 डिग्री तक की गिरावट देखी गई। लेकिन इसके बाद जैसे ही मौसम साफ हुआ, फिर से गर्म हवाएं चलने लगीं। अब जून की शुरुआत में एक बार फिर मौसम में नाटकीय परिवर्तन आया है।
मॉनसून कब पहुंचेगा उत्तर प्रदेश में?
मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून तक मानसून के उत्तर प्रदेश पहुंचने की संभावना है। लेकिन 3 जून को जो सिस्टम बना है, वह “Pre-Monsoon Activity” कहलाता है। यानी यह मानसून आने से पहले की वह हलचल है जो मौसम को ठंडा बनाती है और मानसून के मार्ग को तैयार करती है।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
उत्तर प्रदेश में 3 जून का दिन मौसम के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। जहां यह मौसम गर्मी से राहत देगा, वहीं इसकी तीव्रता जान-माल का नुकसान भी कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आमजन, किसान और प्रशासन पूरी सतर्कता बरतें। मौसम से जुड़ी हर ताजा जानकारी के लिए टीवी चैनल, रेडियो, और विश्वसनीय न्यूज़ वेबसाइट्स पर नजर बनाए रखें।
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