नवाचार के रूप में ड्रैगन छूट की खेती को अपनाएं जिले के कृषक
रिपोर्ट जे. पी. गोस्वामी
बहराइच। विकास भवन सभागार में बुधवार को आयोजित किसान दिवस की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द ने जिले के किसानों का आहवान किया कि परम्परगत खेती के साथ नित्य नई तकनीक नवाचार वैधानिक शोधों तथा कृषि आधारित व्यवसाय, पशुपालन, मौनपालन एवं औद्यानिकी अपनाकर अपनी आय में गुणात्मक इजाफा करें। सीडीओ ने जिले के कृषकों से कहा कि कृषि एवं एलायड विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाते हुए कृषि के क्षेत्र में नवाचार को अपनाने में कतई संकोच न करें। उन्होंने कहा कि हो सकता है पहले प्रयास में आपको सफलता न मिले परन्तु पहले प्रयास से मिला अनुभव आपके सम्पूर्ण जीवन में काम आने वाला है। सीडीओ श्री चन्द ने उपस्थित कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों से कहा कि फसलों की कटाई के दौरान सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (एसएमएस) लगाकर ही कटाई करें। एसएमएस लगाने से पराली के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते है जिन्हें किसान अपने खेतों से ही विक्रय कर अपनी आय वृद्धि कर सकते है। उन्होंने पशुपालन विभाग, पंचायत विभाग तथा मनरेगा विभाग जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय स्थापित कर जनपद की पी-शालाओं में अधिक से अधिक पराली/फसल अवशेष मिजवायें, जिससे गौ-शालाओं में चारे की कमी न होने पाये। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिया कि पराली गौ शालाओं में भेजने की सूचना प्रतिदिन उपलब्ध करायें तथा समीक्षा करायें। उन्होंने कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने-अपने वक्षेत्रों में भ्रमण करते हुए कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों द्वारा किसानों के खेतों में की जा रही कटाई की निगरानी करें। किसी भी दशा में पराली न जलने दें। उन्होंने राजस्व विभाग के उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लेखपालों तथा ग्राम प्रधानों, कृषि विभाग एवं पुलिस विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ बैठक आयोजित कर लें तथा यह निर्देश दे दे कि जो किसान पराली जलायेगा उससे पर्यावर्षीय क्षति की वसूली की जाये तथा लोगों में जागरुकता पैदा करें कि पराली किसी भी दशा में न जलायें। अन्यथा समस्त का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।सीडीओ श्री चन्द्र ने कहा कि कृषकों के प्रयास से आकांक्षात्मक जनपद में अच्छा कार्य हुआ है। जिसके लिए जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कृषकों को सम्मान प्राप्त होने से जिले को अनेको बार गौरान्वित होने का मौका मिला है। मुख्य विकास अधिकारी ने कृषकों को सुझाव दिया कि बाजार की मांग के अनुसार फसलों का चयन करें इससे आपको अपनी उपज बेचने में आसानी तो होगी साथ ही अच्छा मूल्य भी प्राप्त होगा। उन्होंने कृषकों सुझाव दिया कि नवाचार के रूप में ड्रैगन फ्रूट की खेती को अपनाकर प्रति वर्ष न्यूनतम 5.00 लाख प्रति एकड आय अर्जित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की एक बार बोआई करने पर आगामी 25 वर्ष तक फसल प्राप्त किया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसान 2500 से 2700 कुं०/हे० गन्ना उत्पादित कर रहे है। जबकि अपने यहां किसान 500 से 1200 कुं० प्रति हे० गन्ना उत्पादित कर रहे है। इसके लिये जिले के किसान को प्रयास करना होगा। बैठक में उपस्थित इस्तियाक अहमद ग्राम बलम्मद्दरपुर विकास खण्ड रिसिया, राम कुमार ग्राम अहिरौरा विकास खण्ड चित्तौरा, पेशकार वर्मा ग्राम बल्दीपुरवा विकास खण्ड शिवपुर तथा गुलाम मोहम्मद निवासी जरवल कस्बा विकास खण्ड जरवल द्वारा किये जा रहे नवाचार की तारीफ की तथा उपस्थित किसानों को अपनाने की सलाह दी। श्री पेशकार वर्मा ने उपस्थित किसानों को बताया कि उनके द्वारा जीबी प्लान्ट लगाया गया है जिसमें 1000 कुं० पराली क्रय कर प्लान्ट से खाद बनाकर आस-पास के किसानों को जैविक खेती अपनाने की सलाह दे रहे है। उन्होंने किसानों से कहा कि जब आप धरती मां के आंचल अर्थात पराली को जलायेंगे तो भू-धरा से बायोमास की मात्रा कम हो जायेगी तथा उत्पादन तथा खेत दोनों खराब होंगे। किसानों को सलाह दिया कि किसी भी दशा में पराली न जलायें। बल्कि उसे विक्रय कर आय अर्जित करें। बैठक में उपस्थित पराली फैक्ट्री रिसिया मोड़ रिसिया के मालिक श्री राम रतन अग्रवाल ने किसानों से कहा कि कम्बाइन हार्वेस्टर से एसएमएस लगाकर कटाई कराने वाले किसानों के खेत से उनकी पराली को 3 से 4 रू० प्रति कि०ग्रा० खेत से ही खरीद लेंगे। बैठक के दौरान प्रगतिशील कृषक बब्बन सिंह निवासी त्रिकोलिया विकास खण्ड पयागपुर ने अवगत कराया कि उनके फार्म के पास के 7-8 विद्युत खम्भे टूट गये है जिसकी मरम्मत कराई जाये।जिला कृषि अधिकारी डा० सूबेदार यादव ने जिले में खाद एवं बीज की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि जिले में खाद एवं बीज की कोई कमी नहीं है। उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही ने किसानों को अवगत कराया कि वर्तमान में कृषि यन्त्रों की बुकिंग हो रही है। 23 अक्टूबर रात्रि 12रू00 बजे तक बुकिंग प्रारम्म रहेगी। इच्छुक किसान कृषि यन्त्रों की बुकिंग कर लें। उप निदेशक कृषि ने उपस्थित किसानों तथा कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकों से कहा कि किसी भी दशा में पराली न जलने पाये। अन्यथा शासन एवं मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण (छळज्) द्वारा निर्धारित किये गये पर्यावर्षीय क्षतिपूर्ति 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू० 2500/- 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रू0 5000/- और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू0 15000/- तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली की जायेगी।इस अवसर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा० राजेश कुमार उपाध्याय, भूमि संरक्षण अधिकारी डा० सौरम वर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती प्रिया नन्दा, जिला उद्यान अधिकारी श्री निदेश चौधरी, सचिव कृषि उत्पादन मण्डी समिति श्री धनन्जय सिंह, जिला गन्ना अधिकारी आनन्त कुमार शुक्ला, सहायक अभियन्ता नलकूप नीम सिंह, एलडीएम के प्रतिनिधि बाबू लाल, उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर उदय शंकर सिंह, उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कैसरगंज शिशिर कुमार वर्मा, उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी नानपारा सुधीर कुमार मिश्रा, अवर अभियन्ता (कृषि) नितिन कुमार मौर्य, प्रगतिशल कृषक शशांक सिंह, संजय तिवारी, जबदम्बा प्रसाद मिश्र, लालता प्रसाद गुप्ता, देशराज पाण्डेय, रुद्रसेन वर्मा, त्रिलोकीनाथ चौधरी, मुन्ना लाल वर्मा, परशुराम सिंह कुशवाहा, राजकमल, वसीम खां, सन्तोष कुमार, राजीव वर्मा, रमेश चन्द्र, हेमन्त कुमार सिंह सहित सैकड़ों किसान तथा कम्बाइन हार्वेस्टर मालिकान सहित कृषि विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारी व क्षेत्रीय कर्मचारी तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद रहें।