लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पंचायत चुनाव प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। राज्य सरकार अब पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता से कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने जा रही है।
👉 वर्तमान व्यवस्था में बदलाव की तैयारीफिलहाल उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा होते हैं, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। इसी प्रक्रिया को अब बदलने की तैयारी है, जिससे इन दोनों पदों के लिए भी जनता सीधे मतदान कर सके।
👉 लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदमसरकार का मानना है कि इस बदलाव से लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी और जनता को अपने प्रतिनिधियों को सीधे चुनने का अधिकार प्राप्त होगा। इससे सत्ता के विकेन्द्रीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
👉 केंद्र सरकार को भेजा जाएगा प्रस्तावपंचायती राज विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 243 के अंतर्गत कुछ प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता होगी, जिसके लिए केंद्र की मंजूरी आवश्यक है।
👉 विपक्ष ने जताई चिंता, बताया राजनीतिक चालइस प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों ने चिंता जाहिर की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से उठाया गया कदम करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि इससे स्थानीय राजनीति में ध्रुवीकरण और पैसे की भूमिका और बढ़ेगी।
👉 जनता को मिलेगा सीधा प्रतिनिधित्वविशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अगर सही तरीके से लागू किया जाए तो इससे ग्रामीण जनता को अधिक सशक्त और उत्तरदायी प्रतिनिधि मिल सकते हैं।निष्कर्ष:उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर अगर केंद्र सरकार की मुहर लगती है, तो यह पंचायती व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखा जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।