विश्व सेवा संघ, संवाद सूत्र ,सिद्धार्थनगर
भारतवर्ष में प्राचीनकाल से ही पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। मानव सभ्यता के साथ पशुपालन की महत्ता भी निरंतर बढ़ती रही है। पहले जिनके पास अधिक पशु होते थे, उन्हें सम्पन्न और सामर्थ्यवान माना जाता था। बैल, गाय, भैंस जैसे पशु खेती, दुग्ध उत्पादन, सवारी और खाद के स्रोत के रूप में बेहद उपयोगी रहे हैं। निराश्रित/बेसहारा
हरित क्रांति के बाद कृषि यंत्रों के आगमन से खेती में बैलों की उपयोगिता कम होने लगी। इस कारण कई पशु अनुपयोगी समझे जाने लगे और उन्हें खुले में छोड़ दिया गया, जिससे निराश्रित पशुओं की संख्या बढ़ती गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस समस्या के समाधान हेतु विशेष योजनाएं प्रारंभ की हैं। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत इच्छुक कृषकों और पशुपालकों को निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों से अधिकतम 4 गोवंश प्रति लाभार्थी की सुपुर्दगी की जा रही है। इसके एवज में 50 रुपये प्रतिदिन प्रति गोवंश भरण-पोषण हेतु दिए जा रहे हैं।
प्रदेश में उत्तर प्रदेश देश का 16% से अधिक पशुधन रखने वाला राज्य है। 20वीं पशुगणना (2019) के अनुसार प्रदेश में कुल 691.98 लाख पशुधन हैं। भारत सरकार के निर्देशानुसार 21वीं पशुगणना 25 अक्टूबर 2024 से शुरू की गई है।
निराश्रित पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश में निम्न प्रकार के संरचनात्मक उपाय किए गए हैं:
- 6744 अस्थायी गोआश्रय स्थल
- 372 गोवंश वन्य विहार/वृहद गोसंरक्षण केन्द्र
- 307 कांजी हाउस
- 295 कान्हा गोशाला
कुल 7717 गो-आश्रय स्थलों में 12.52 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं।
अब तक 1.68 लाख से अधिक गोवंश 1.08 लाख पशुपालकों को सुपुर्द किए जा चुके हैं।
वित्तीय सहयोग के रूप में
- वर्ष 2023-24 में ₹1000 करोड़,
- वर्ष 2024-25 में हजारों करोड़ रुपये गो-पालन योजनाओं हेतु जिलों को प्रदान किए गए हैं।
गो-संरक्षण केंद्रों की स्थिति:
- 100 वृहद गो-संरक्षण केन्द्रों के लिए ₹4492 लाख की द्वितीय किस्त जारी की गई।
- अब तक 372 नए केंद्र निर्मित, जबकि 173 पर कार्य प्रगति पर है।
- गोशालाओं का पंजीकरण ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है।
पशु चिकित्सा सुविधा का विस्तार:
- 2202 पशु चिकित्सालय,
- 39 नए चिकित्सालय,
- 2575 पशु सेवा केंद्र,
- 20 पॉलीक्लिनिक संचालन में,
- 05 पॉलीक्लिनिक निर्माणाधीन,
- 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट्स द्वारा 29.38 लाख पशुओं का उपचार।
- 2024-25 में 1612.77 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
प्रदेश सरकार की नीतियों, पशुपालकों की सक्रियता और सरकारी सहयोग से उत्तर प्रदेश आज दुग्ध उत्पादन में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।