संवाददाता: विश्व सेवा संघ
स्थान: निघासन (खीरी), उत्तर प्रदेश
तिथि: 17 मई 2025

खीरी जनपद के अंतर्गत आने वाले विकासखंड निघासन की ग्राम पंचायत लालपुर में वर्षों से लंबित पड़ा बंधा (बांध) निर्माण कार्य अब आखिरकार शुरू हो गया है। इस बहुप्रतीक्षित कार्य का श्रेय क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के समन्वित प्रयासों को जाता है, खासकर राजा राज राजेश्वर सिंह और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राहुल यादव की विशेष सक्रियता और पहल की बदौलत।

🔷 शारदा नदी के उफनाए पानी से हर साल होता था भारी नुकसान

लालपुर क्षेत्र और इसके आसपास की ग्राम पंचायतों को हर वर्ष शारदा नदी के बाढ़ के पानी से भारी नुकसान झेलना पड़ता था। विशेषकर बहतिया नाले का कटा मुख और कई वर्षों से क्षतिग्रस्त बांध क्षेत्र के लिए बाढ़ एक अभिशाप बन चुकी थी। हर वर्ष धान, गन्ना और अन्य फसलों को जलभराव की वजह से करोड़ों की हानि होती थी। गांवों की सड़कें जलमग्न हो जाती थीं, जिससे आवागमन भी ठप हो जाता था।

🔶 ग्राम निधि और मनरेगा से हुआ कार्य का शुभारंभ

ग्रामीणों की लगातार मांग और बढ़ते जनदबाव को देखते हुए अब ग्राम निधि तथा मनरेगा योजना के अंतर्गत बंधा निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया है। निर्माण कार्य को 11 दिन पूर्व शुरू किया गया, और वर्तमान में यह कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस कार्य की शुरुआत के साथ ही इलाके में सहूलियत और राहत की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।


24 से अधिक गांव होंगे लाभान्वित

लालपुर के बहतिया नाले का कटा मुख शारदा नदी के पानी का मुख्य मार्ग है, जो लगभग 24 गांवों को प्रभावित करता है। इनमें लालपुर के अतिरिक्त बरोठा, खरवाहिया, गोरिया, और नगर पंचायत निघासन की करीब 20 प्रतिशत आबादी शामिल है। बाढ़ के समय यही पानी दुल्ही सायफन होकर निकलता है और नीचे के मैदानी इलाकों में जलभराव व फसल बर्बादी का कारण बनता है।

बंधा निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद इस पूरे क्षेत्र में जलनिकासी की व्यवस्था सुधरेगी और बाढ़ से होने वाली तबाही पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा।


🛠️ तकनीकी सर्वे टीम ने की थी जांच

इस परियोजना को धरातल पर लाने के लिए खंड विकास अधिकारी जयेश कुमार सिंह के निर्देशन में एक तकनीकी सर्वेक्षण टीम ने करीब एक माह पूर्व क्षेत्र का निरीक्षण किया था। टीम ने ग्रामीणों से संवाद किया और बाढ़ की समस्या को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इसी सर्वे के बाद कार्य की प्रस्तावना तैयार की गई और ग्राम प्रधान उर्मिला देवी एवं ग्राम रोजगार सेवक सुरजीत कुमार कश्यप ने इसे ब्लॉक मुख्यालय भेजा।


👥 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की अहम भूमिका

इस महत्वाकांक्षी कार्य को शुरू कराने में कई प्रमुख लोगों की भूमिका रही, जिनमें:

  • राजा राज राजेश्वर सिंह – जनहित के मुद्दों को लगातार प्रशासन के सामने उठाते रहे।
  • ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राहुल यादव – निर्माण कार्य की आवश्यकता को लेकर लगातार सक्रिय रहे।
  • ग्राम प्रधान उर्मिला देवी – योजना को स्वीकृति दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई।
  • खंड विकास अधिकारी जयेश कुमार सिंह – तकनीकी जांच और प्रशासनिक स्वीकृति में सहयोग किया।
  • रोजगार सेवक सुरजीत कुमार कश्यप – योजना के प्रारंभ और निगरानी में समर्पित प्रयास।

इन सभी ने मिलकर ग्रामवासियों की वर्षों पुरानी मांग को वास्तविकता में बदल दिया।


🌊 कटे बांध से बाढ़ और तबाही की तस्वीर

बहतिया नाले के कटे हुए बांध के कारण वर्षा ऋतु में शारदा नदी का पानी अनियंत्रित होकर खेतों और बस्तियों में घुस जाता था। इससे जहां फसलें तबाह हो जाती थीं, वहीं सड़कें और घर भी जलमग्न हो जाते थे। ग्रामीणों को आवागमन, पीने के पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ता था।


🗣️ समाजसेवियों और प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

🙋‍♂️ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सद्दाम हुसैन ने कहा:

“कटे बांध के निर्माण से अब पानी गाँव में रुकने के बजाय सीधे नदी की ओर प्रवाहित होगा। इससे सड़कें भी सुरक्षित रहेंगी और जलभराव की समस्या का समाधान होगा।”

🙋‍♂️ समाजसेवी आर.जे. संतोष कुमार ने कहा:

“यह बांध बनना बेहद जरूरी था। इससे बाढ़ के दौरान गांवों को भारी राहत मिलेगी और फसलों को बचाया जा सकेगा। प्रशासन को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने जनता की मांग को प्राथमिकता दी।”


📢 ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

लालपुर और आस-पास के गांवों के नागरिकों की यह वर्षों पुरानी मांग थी कि बहतिया नाले के कटे बांध को तत्काल दुरुस्त किया जाए। इस मांग को लेकर ग्रामीण कई बार ब्लॉक और तहसील स्तर पर प्रदर्शन भी कर चुके थे।
अब जब निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, तो ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष और उम्मीद की झलक दिखाई दे रही है।


📌 निष्कर्ष

ग्राम पंचायत लालपुर में बंधा निर्माण कार्य का प्रारंभ जनशक्ति और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का बेहतरीन उदाहरण है। यह दर्शाता है कि यदि जनता संगठित होकर अपनी समस्याओं को उठाए और जनप्रतिनिधि व अधिकारी साथ मिलकर कार्य करें, तो किसी भी क्षेत्र की जटिल समस्या का समाधान संभव है।

इस बंधा के बन जाने से न केवल बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलेगी बल्कि खेती, आवास, और बुनियादी सुविधाओं की रक्षा भी हो सकेगी। आने वाले वर्षों में यह कार्य ग्रामीण क्षेत्र के सुरक्षित भविष्य की नींव रखेगा।


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