कम लागत में अधिक पैदावार करने का दिया जा रहा प्रशिक्षण,क्षेत्रीय किसानों के आय में होगी वृद्धि
विश्व सेवा संघ संवाददाता
अर्जुन यादव
बढ़नी- सिद्धार्थनगर जनपद में पानी संस्थान द्वारा संचालित सरल परियोजना के तहत, द हंस फाउंडेशन के सहयोग से तीन ब्लॉक—बढ़नी, बांसी और इटवा—की 150 ग्राम पंचायतों में कृषि संबंधी परियोजना संचालित की जा रही है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की लागत को कम करना, उनकी आय को दोगुना करना और जल संरक्षण को बढ़ावा देना है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो सके।
संस्था अनुसार परियोजना के तहत, किसानों की खेती लागत को कम करने और अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से पानी संस्थान ने 150 ग्राम पंचायतों में आलू की उन्नत प्रजाति कुफ़री पुखराज गुणवत्तापूर्ण बीज वितरित किए। रबी सीजन 2024-25 में कुल 63 टन बीज किसानों को उपलब्ध कराया गया, जिससे 540 किसान जैसे दखनहिया देवी, मनरावती, धर्ममती,शीला देवी, शर्मिला देवी ,निर्मला देवी ,रीता देवी ,चंद्रावती , खालदा व संगीता देवी आदि बढ़नी ब्लॉक् से लाभान्वित हुए. जिसे उन्होंने पोटैटो प्लांटर मशीन की सहायता से अपने खेतों में बुवाई किया। यह मशीन पानी संस्थान द्वारा सरल परियोजना के अंतर्गत किसानों को निःशुल्क प्रदान की गई, जिससे वे बड़े पैमाने पर आलू की खेती कर सकें।
जब किसानों ने आलू फसल की कटाई की, तो प्रति एकड़ ओसत उत्पादन 120-125 कुंटल का प्राप्त हुआ। किसानों के अनुसार, परंपरागत तरीके से स्थानीय प्रजातियों (जैसे साठा, लाल गुलाल आदि) की तुलना में यह उत्पादन कहीं अधिक था। पोटैटो प्लांटर मशीन के उपयोग से न केवल मजदूरी का खर्च कम हुआ, बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत हुई। पहले जहां एक बीघा आलू लगाने में आर्थिक और श्रम संबंधित चिंताएँ थीं, वहीं अब तकनीकी प्रशिक्षण और आधुनिक मशीनों की सहायता से यह कार्य सुगमता से हो रहा है।
कुफ़री पुखराज प्रजाति किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। पहले एक बीघा खेत में गेहूं या धान से मात्र 7-8 हजार रुपये की आय होती थी, जबकि अब तीन महीने में ही 15-20 हजार रुपये का मुनाफा हो रहा है। आलू की खुदाई के बाद उसी खेत में प्याज की रोपाई की जाएगी, जिससे 20-25 कुंटल उत्पादन मिलेगा और 15-20 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। इस प्रकार, एक ही सीजन (6 महीने) में किसान को 50-60 हजार रुपये तक की आय हो रही है। इस परियोजना की गांव स्तर पर पहल और नेतृव परियोजना प्रबंधक सुखविन्दर सिंह व तकनीकी सहयोग डॉ माखन सिंह व बीरेंद्र कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में होता रहता हैं.
इस पहल से लाभान्वित होकर, हम सभी किसान पानी संस्थान और सरल परियोजना के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।