विश्व सेवा संघ, संवाददाता

लखीमपुर खीरी : निघासन में सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं व तहसील के अधिवक्ताओं ने किया धरना प्रदर्शना प्रस्तावित संशोधन बिल 2025 के विरोध में अधिवक्ता पहुंचे निघासन चौराहे पर विरोध में पुतला भी फूंका।

अधिकवक्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।निघासन तहसील पहुंच कर प्रधानमंत्री को संबोधित नौ सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी कार्यालय से संबोधित कर्मचारी गौश मोहम्मद को सौंपा।

वकील संशोधन अधिनियम 2025 का विरोध में वकीलों ने कहा की वकीलों की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत वकीलों को कोर्ट के कामकाज से हड़ताल या बहिष्कार करने पर रोक लगाई गई है (धारा 35A)।

यह प्रावधान वकीलों के संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 19 – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का हनन करता है। वकीलों को अपनी मांगों और समस्याओं को उठाने के लिए हड़ताल या बहिष्कार एक महत्वपूर्ण हथियार होता है।

इसे छीन लेना उनकी आवाज़ को दबाने जैसा है।2.अनुचित जुर्माने का प्रावधान इस अधिनियम में वकीलों पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है (धारा 35)। – यह जुर्माना वकीलों के पेशेवर आचरण को लेकर है।

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