बढ़नी से दिल्ली व कानपुर चल रही बैशाली एक्सप्रेस नियमों के विपरीत निजी लग्जरी बसों में ढोये जा रहे पार्सल व ट्रांसपोर्ट का सामान
चालक व परिचालक चंद रुपयों के लालच में बसों की छतों पर लाद देते हैं सामान, यात्रियों की जान से कर रहे खिलवाड़
विश्व सेवा संघ न्यूज टीम
बढ़नी- चालक व परिचालक चंद रुपयों के लालच में बसों की छतों पर सामान लाद देते हैं। इससे यात्रियों को परेशानी तो होती ही है, हादसे का डर भी बना रहता है। इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा गंभीरता से कार्रवाई नहीं की जाती है। जो लोगों के लिए चिंता व चर्चा का बिषय बना हुआ है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार दिल्ली, लखनऊ ,कानपुर समेत अन्य रूटों पर चलने वाली निजी बसों में बड़े पैमाने पर सामान ढोये जा रहे हैं। लग्जरी एसी व नान एसी की बसों में अंदर व उसकी डिग्गी में यात्रियों के लगेज से अधिक पार्सल व ट्रांसपोर्ट से ढोये जाने वाले सामान भरे होते हैं। निजी बसों में बस के अंदर, बस की डिग्गी के अलावा बस की छत पर ट्रांसपोर्ट का सामान ले जाया जाता है। इन बसों में सवारियों से अधिक सामान भरे जाते हैं। निजी बसें तेज रफ्तार में चलती हैं। और ऊंचाई अधिक होने के कारण कभी भी हादसे का शिकार हो सकती हैं। खासतौर से निजी बसों के संचालक निजी स्वार्थ के लिए यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, वहीं विभाग को भी लाखों रुपये के टैक्स का चूना लगा रहे हैं। नियमानुसार बसों में लगेज ले जाने का प्रावधान है लेकिन बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर सीमा से अधिक पार्सल व ट्रांसपोर्ट का सामान ढो रहे हैं।
एनएच 730 बढ़नी-पचपेड़वा मार्ग पर नगर पंचायत बढ़नी समय माता स्थान के पास ट्रांसपोर्ट का गोदाम व आफिस बनाकर संचालन कर रहे शंकर व मनोज ने बताया कि इस तरह से अन्य जगहों पर हमारे और भी कई शाखाएं चल रही हैं। जो भी दुकानदार का सामान आता है उसका जीएसटी बिल हम लोगों के पास रहता है।
सूत्रों की मानें तो इस तरह की कई बसें कर चोरी के मामले में पकड़ी जा चुकी हैं। उन पर जुर्माना भी डाला जा चुका है। जिसमें कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, कॉस्मेटिक, आटों पार्ट, किराना खाद्य पदार्थ का सामान सर्वाधिक टैक्स चोरी कर लाया जाता है।

टैक्स चोरी का माल लाने-ले जाने में बढ़नी क्षेत्र में कई ट्रांसपोर्ट चल रहे हैं। यह ट्रांसपोर्ट दिल्ली व कानपुर के आसपास के जिलों से कर चोरी का माल लाने में माहिर हैं। जानकारों की माने तो उप्र में वाणिज्य कर विभाग के सख्त होने के बाद ट्रकों का आवागमन कम हुआ तो टैक्स चोरों ने अब निजी बसों को अपना माध्यम बना लिया है। अधिकतर ट्रैवल्स बसों में व्यापारी रास्ते में अनधिकृत माल भर लेते हैं। हालत ये है कि सवारियों के साथ डिग्गी में माल ले जाया जा रहा है। इनकी डिग्गियां पहले ही बुक हो जाती हैं। कुछ बसें तो उसी रूट से होकर जाती हैं जहां से उनको माल उठाना होता है। अधिकतर स्लीपर कोच और लग्जरी निजी बसें रात को ही चलती हैं और गंतव्य तक सुबह पहुंच जाती हैं।
जो भी व्यापारी अगर सामान कहीं भी ला-ले जा रहे हैं तो उनके पास टैक्स इनवॉइस होना जरूरी है। साथ ही यह भी जरूरी है कि पचास हजार रुपये से अधिक का सामान है तो उनके पास ई-वे बिल भी होना चाहिए।