उपहार वितरण समारोह में आशा ने लगाये थी आरोप, प्रसूताओं ने भी बतायीं पूरी कहानी

विश्व सेवा संघ न्यूज टीम

शोहरत गढ़ – सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डिलीवरी से लेकर डिस्चार्ज तक रेट तय हैं। यही नहीं, लेबर रूम से दवा के पर्चे पर शैम्पू भी बिकवाया जा रहा है। मरीजों के अनुसार सभी प्रसूता महिलाओं को बेवजह शैम्पू दिया जा रहा है, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार सभी महिलाओं को शैम्पू की आवश्यकता नहीं होती है। सीएचसी शोहरतगढ़़ में आयोजित दीपावली उपहार वितरण समारोह में विधायक विनय वर्मा व सीएमओ डॉ0 रजत कुमार चौरसिया के सामने आशा कार्यकर्ताओं ने वसूली की पोल खोल दी थी, तो स्वास्थ्य महकमा इसकी जांच के नाम पर कोरम पूर्ति करने में जुटा है। सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी निशुल्क होनी चाहिए। सीएचसी पर प्रसव कक्ष में प्रसव कराने आने वाली गर्भवती महिलाओं के परिजनों से बिना रुपये लिए नार्मल और सीजर डिलीवरी नहीं हो रही है। नॉर्मल प्रसव कराने पर 2***हज*र से 3*** वसूले जा रहे हैं। वहीं सीजर केस में गर्भवती महिलाओं के परिजनों से 6*** से 8***जमा कराने के बाद ही सीजर केस लिया जा रहा है, जो मरीज पैसा देने में आनाकानी करते हैं, उन्हें सीरियस बताकर सीजर करने मना कर देते हैं। ऐसे मरीज रेफर होने के बाद परेशान होते हैं। सिजेरियन डिलीवरी हो तो ₹2+++/- की दवा और नार्मल डिलीवरी है तो ₹1***- से ₹15**- की दवा मंगाई जा रही है। इस सम्बन्ध में अधीक्षक सीएचसी शोहरतगढ़ डॉ0 सौरव चतुर्वेदी ने बताया कि सीएचसी पर सभी दवाइयां उपलब्ध हैं, लेकिन शैम्पू के बारें में कोई जानकारी नहीं है और डिलीवरी के मामले में रिश्वत लेने की जानकारी भी नहीं है। जांच की रही है, दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। वहीं डा0 रुही परवीन (सर्जन) ने बताया कि डिलीवरी कराने वाली सभी महिलाओं को शैम्पू की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ महिलाओं में मर्ज के अनुसार शैम्पू का सुझाव दिया जाता है। डिलिवरी कराने आयीं महिला मरीजों ने भी बताया…..
👉केस 1. क्षेत्र के मटीयरिया निवासी शाहीदा ने बताया कि 03 नवम्बर को उनकी नार्मल डिलीवरी हुई थी। लेबर रुम में ₹2***/- महिला कर्मी ने लिया और 1*** हजार रुपये की दवाई बाहर के मेडिकल स्टोर से मंगा ली गयीं। दवा आने के बाद सारी दवाइयों का सील तोड़ दिया गया। इस दवाइयों में 250 रुपये का शैम्पू भी था, जिसका कोई उपयोग नहीं हुआ।
👉केस 2. बड़गो निवासी महिला ने बताता कि सितम्बर में शोहरतगढ़ सीएचसी अस्पताल में प्रसव कराने गयीं थी। वहां जांच के बाद चिकित्सक ने कहा कि सीजर करना पड़ेगा। उसके बाद चिकित्सक ने कहा प्रमाणित करा लो। प्रमाणित होने के बाद सीजर करने में आनाकानी करने लगे। जब परिजन 6***हजार रुपये जमा किया, तब चिकित्सक ने सिजेरियन डिलीवरी करायीं। उसके बाद सारी दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोर से मंगाई गयीं और महिला कर्मी ने सारी दवाओं की सील तोड़ दिया।
👉केस 3. मुडिला बुजुर्ग निवासी आरती ने बताया कि अगस्त महीने शोहरतगढ़ सीएसची पर चिकित्सक ने मेरी सिजेरियन डिलीवरी करायीं थी। सिजेरियन डिलीवरी के लिए पहले 6***रुपये लिया गया, फिर बाहर से 2*** हजार रुपये की दवाई मंगाई गयीं। मेडिकल स्टोर का कर्मचारी अस्पताल में ही दवा पहुंचा देता है।
👉केस 4. ललिता शर्मा निवासी खुरहुरिया ने बताया कि 10 नवम्बर को सीएसची में उनकी नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। लेबर रूम में महिला स्वास्थ्य कर्मी ने ₹15**/- लिया था और 1*** रुपये की दवाई भी बाहर से मंगाई गयीं। जिसमें एक शैम्पू भी दिया गया था, जबकि इसका उपयोग नहीं था। उसे लौटाने के लिए मेरे पति गयें, लेकिन वापस नहीं हुआ। क्योंकि उसका सील तोड़ दिया गया था।
आपको बता दें कि बीते 22 नवम्बर को जिलाधिकारी डॉ0 राजा गणपति आर0 के आदेशानुसार सीएमओ डॉ0 रजत कुमार चौरसिया ने दो डाक्टर एसीएमओ ए0के0 शर्मा एवं बी0एन0 चतुर्वेदी की दो सदस्यीय जांच टीम को जांच के लिए भेजा गया था। उक्त जांच टीम के डाक्टरों ने जांच भी किया गया। उक्त जांच टीम को जांच की रिपोर्ट 15 दिनों के अन्दर जिलाधिकारी को भेजना भी है। इस सम्बन्ध में सीएमओ सिद्धार्थनगर रजत कुमार चौरसिया से संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि जांच टीम के डाक्टरों ने जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर कराना है, आज टीम के एक डाक्टर लखनऊ गयें है कल आकर जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर कराकर डीएम सिद्वार्थनगर डा0 राजा गणपति आर0 को भेजेंगे।

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