विश्व सेवा संघ, न्यूज टीम
भारतीय स्टेट बैंक यानी SBI ने ‘हर घर लखपति’ स्कीम की ब्याज दरों में 0.20% की कटौती की है। इसमें अब सामान्य नागरिकों को अधिकतम 6.55% और वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटिजन) को अधिकतम 7.05% सालाना ब्याज मिलेगा।
‘हर घर लखपति’ एक खास रिकरिंग डिपॉजिट (RD) स्कीम है। इस स्कीम के तहत आप हर महीने छोटी-छोटी रकम जमा करके एक लाख या इससे ज्यादा रुपए इंतजाम कर सकते हैं। इसमें 10 साल तक हर महीने 610 रुपए जमा करने पर आपका 1 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा।
सबसे पहले समझें RD क्या है? रिकरिंग डिपॉजिट या RD बड़ी बचत में आपकी मदद कर सकती है। आप इसका इस्तेमाल गुल्लक की तरह कर सकते हैं। मतलब आप इसमें हर महीने सैलरी आने पर एक निश्चित रकम डालते रहें और इसके मैच्योर होने पर आपके हाथ में बड़ी रकम होगी। हर घर लखपति का मैच्योरिटी पीरियड आमतौर पर 3 साल से 10 साल तक रहता है। यानी आप 3 साल से 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं।


कौन कर सकता है इसमें निवेश
- कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकता है।
- व्यक्ति इसमें अकेले या जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं।
- माता-पिता (अभिभावक) अपने बच्चे (10 साल से अधिक उम्र का और सही से हस्ताक्षर करने में सक्षम) के साथ खाता खोल सकते हैं।
- 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावक के साथ जॉइंट अकाउंट खोला जा सकता है।
RD से कमाए ब्याज पर लगता है टैक्स रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से होने वाली ब्याज आय अगर 40 हजार रुपए (सीनियर सिटिजन के मामले में 50 हजार रुपए) तक है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है।
टैक्स के दायरे में नहीं तो फॉर्म 15H-15G करें जमा अगर आपकी RD से सालाना ब्याज आय 40 हजार रुपए (सीनियर सिटिजन के मामले में 50 हजार रुपए) से अधिक है, लेकिन आपकी कुल सालाना आय (ब्याज आय मिलाकर) उस सीमा तक नहीं है, जहां उस पर टैक्स लगे तो बैंक TDS नहीं काटता है।
इसके लिए सीनियर सिटिजन को बैंक में फॉर्म 15H और अन्य लोगों को फॉर्म 15G जमा करना होता है। फॉर्म 15G या फॉर्म 15H खुद से की गई घोषणा वाला फॉर्म है। इसमें आप यह बताते हैं कि आपकी आय टैक्स की सीमा से बाहर है।