भारतीय सीमा पार कर तस्करों द्वारा लाई गई लाखों रुपए की सिगरेट को नेपाल पुलिस ने किया जब्त

सशस्त्र सीमा बल नेपाल पुलिस की बड़ी कार्रवाई से, तस्करों में मचा हड़कंप

विश्व सेवा संघ संवाददाता

अर्जुन यादव

बढ़नी- सशस्त्र नेपाल पुलिस बल ने सीमा शुल्क चोरी कर नेपाल लाई गई लगभग 15 लाख रुपये मूल्य की अवैध सिगरेट जब्त की है। यह कार्रवाई बीते मंगलवार की शाम कृष्णानगर नगरपालिका स्थित बैरियर चेक पोस्ट पर की गयीं, जब सशस्त्र पुलिस बल टीम नेपाल के काठमाण्डू जा रहे बस की जांच के दौरान इन सिगरेटों का पता लगाया। सशस्त्र सीमा बल नेपाल के अनुसार बस पंजीकरण संख्या लु.2 खा 6541 वाली एक डीलक्स बस की डिक्की में रिचमंड के 3,000 पैकेट, मैनचेस्टर के 1,000 पैकेट और एल एण्ड बी सिगरेट के 1,000 पैकेट छुपाकर रखे गये थे। इस ऑपरेशन का नेतृत्व सशस्त्र सीमा बल सहायक निरीक्षक गगन बालामी मगर ने किया। वहीं प्राप्त सूत्रों के मुताबिक कृष्णानगर से काठमाण्डू जाने वाले पश्चिमी क्षेत्र के वाहनों में अक्सर कपड़े, चीनी और वाहन के पुर्जों की तस्करी होती है। यह सारा सामान भारत के बदनी बाजार से नेपाल लाकर काठमाण्डू पहुंचाया जाता है। इस मामले में सशस्त्र सीमा बल नेपाल का मानना है कि ड्राइवर और सहायक की मिलीभगत से तस्करी का सामान लाया जाता है। हालांकि जब्त सिगरेटों के बारें में दोनों ने अनभिज्ञता जाहिर की है। प्राप्त सूत्रों के मुताबिक सशस्त्र सीमा बल नेपाल को एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए कृष्णानगर सशस्त्र पुलिस बल ने बस से जब्त सिगरेटों को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के लिए कृष्णानगर सीमा शुल्क कार्यालय को सौंप दिया है। सशस्त्र सीमा बल नेपाल अब इस तस्करी के पीछे के नेटवर्क की जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले में अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

वहीं भारतीय सीमा पार कर भारी मात्रा में बरामद होने वाली सिगरेट को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है। जो भारतीय जांच ऐजेंसियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं ।कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। जबकि इसके पूर्व भी कई मामले इस तरह के सामने आ चुके हैं। अभी कुछ दिनों पहले चार पहिया वाहन के अंदर भारी मात्रा में भारतीय नोट छुपाकर ले जाने वाले कुछ लोगों को नेपाल पुलिस ने जांच के दौरान पकड़ा था। इसी तरह से कपड़ा, पार्ट पुर्जे आदि कई तरह की बरामदगी कर नेपाल पुलिस ने वाहवाही बटोरी है। जबकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां काफी मजबूत है फिर भी इस तरह की चूक कैसे हो जा रही है। यह एक सवाल बना हुआ है।

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