विकास खंड बढ़नी क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसोहिया गांव में छोटे छोटे बच्चों व गर्भावती महिलाओं को हो रही परेशानियां

विश्व सेवा संघ संवाद सूत्र

बढ़नी- विकास खंड बढ़नी क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसोहिया गांव में आंगनवाड़ी भवन नही बना होने से गांव के छोटे छोटे बच्चों व गर्भावती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जो कि एक गंभीर समस्या है। जिसमें खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनवाड़ी केंद्र, सरकार द्वारा संचालित बाल देखभाल केंद्र होते हैं, जो 0-6 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा सेवाएं प्रदान करते हैं। आंगनवाड़ी केंद्र न होने से बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बच्चों में पोषण की कमी हो रही है। आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों को पूरक आहार और पोषण संबंधी परामर्श प्रदान करते हैं। इसके अलावा आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों को टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के साथ ही बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करते हैं, जो उनके सामाजिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते है। केंद्र के अभाव में, बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पाती है। जिससे उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण, स्वास्थ्य और परामर्श सेवाए मिलने में भारी असुविधा होती है। वहीं कुछ महिलाओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हर माह समय से पोषाहार वितरण नहीं किया जाता है और टीकाकरण आदि के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ता है। जिससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।उक्त संबंध में सीडीपीओ रविन्द्र कुमार यादव का कहना है कि परसोहिया गांव में मीना मौर्य नाम कि एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री नियुक्त है। जो गांव में कभी प्रधान के घर पर, कभी विद्यालय के भवन पर कभी इधर उधर बैठकर टीकाकरण व पोषाहार आदि का वितरण करती हैं। जिससे सभी लोगों को परेशानी होती है। आंगनवाड़ी भवन के लिए लिखा पढ़ी की जा रही है।

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