CM yogi ka Farman Bhumafiyan honge chinhit

उत्तर प्रदेउत्तर प्रदेश सरकार भू माफिया घोषित करने की प्रक्रिया को कानूनी रूप देने की तैयारी में है। अब तक शासनादेश के आधार पर की जा रही कार्रवाई पर कोर्ट में सवाल उठे हैं। जानिए क्या है नया प्रस्ताव

News Source https://www.india.com/sports/ipl-2025-mumbai-indians-grapple-with-jasprit-bumrah-dilemma-ahead-of-crucial-england-tests-7716757/

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही भू माफिया घोषित करने की प्रक्रिया को कानूनी आधार देने के लिए नया कानून लाने जा रही है। अब तक जिलाधिकारी (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के स्तर पर भू माफिया चिन्हित किए जाते थे, लेकिन यह प्रक्रिया सिर्फ शासनादेश (G.O.) पर आधारित थी, जिससे कई मामलों में कानूनी अड़चनें आ रही थीं।

नए कानून की आवश्यकता क्यों पड़ी?
सरकार द्वारा 1 मई 2017 को जारी शासनादेश के तहत जिला स्तर पर गठित कमेटी—जिसमें SDM, CO और थानाध्यक्ष शामिल होते हैं—की रिपोर्ट पर DM व SSP की संयुक्त समिति निर्णय लेती थी। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को भू माफिया घोषित कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता था।

हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ ऐसे मामले सामने आए जहाँ व्यक्तियों को बिना गंभीर आपराधिक इतिहास के भू माफिया घोषित कर दिया गया। जब ये मामले उच्च न्यायालय पहुँचे, तो प्रशासन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए। अधिकारियों ने भी माना कि यह पूरी प्रक्रिया किसी विशेष कानून के अंतर्गत नहीं आती, जिससे अदालतों में सरकार का पक्ष कमजोर पड़ रहा है।

गैंगस्टर एक्ट में संशोधन या नया कानून?
अब शासन स्तर पर मंथन के बाद दो विकल्पों पर विचार हो रहा है:

गैंगस्टर एक्ट में संशोधन कर भू माफिया की स्पष्ट परिभाषा जोड़कर उन्हें इस कानून के दायरे में लाना।

नया अधिनियम (Act) बनाना जो भू माफिया से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रभावी हो।

जल्द ही इस प्रस्ताव पर उच्चस्तरीय प्रस्तुतीकरण के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

More Other Good articles https://vishvsevasangh.com/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *