तालाब से मिट्टी हटाते समय अर्घा सहित एक मध्य कालीन शिवलिंग की हुई खोज
विश्व सेवा संघ न्यूज टीम
बढ़नी- पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के जिला कपिलवस्तु अन्तर्गत निगलीहवा में रविवार को एक तालाब से मिट्टी हटाते समय अर्घा (जल अर्पण) सहित एक मध्यकालीन शिवलिंग की खोज की गई है। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले इस शिवलिंग की खोज कपिलवस्तु नगर पालिका-9 के निगलीहवा गांव के उत्तर में स्थित एक पुराने तालाब से मिट्टी खोदते समय हुई। स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि तालाब से मिट्टी निकालकर खेत में डालते समय यह शिवलिंग मिला। ग्रामीणों ने बताया कि इस बात पर चर्चा चल रही है कि खोजे गये शिवलिंग को पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाये या स्थानीय लोगों को इसे संरक्षित करने दिया जाये। स्थानीय रामदत्त कुर्मी ने कहा शिवलिंग के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए ऐसा लगता है कि इसे संरक्षित किया जाना चाहिए और इसकी गहन जांच कराई जानी चाहिए। पुरातत्व विभाग और सम्बन्धित निकायों को यथाशीघ्र अध्ययन और संरक्षण प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। कपिलवस्तु संग्रहालय की प्रमुख शान्ति शर्मा के अनुसार ऐसा अनुमान है कि स्थानीय लोगों द्वारा तालाब से मिट्टी निकालते समय पाया गया शिवलिंग सम्भवतः मध्यकालीन काल का है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग और उसके साथ मिले अर्घा से पता चलता है कि मध्यकाल में उस स्थान पर मंदिर रहा होगा। उन्होंने कहा कि शिवलिंग को संरक्षित करने के लिए स्थानीय लोगों से चर्चा चल रही है। ऐसा माना जाता है कि जिस तालाब में शिवलिंग मिला था, वह धीरे-धीरे मिट्टी से भर रहा है और दब गया है, इसलिए सम्भव है कि उसके नीचे कोई पुरातात्विक संरचना दबी हो। प्राप्त शिवलिंग की संरचना यह है कि अर्घा सहित निचला भाग 5 फीट 6 इंच व्यास का है, दूसरा भाग 45 इंच व्यास का है तथा ऊपरी और निचले भाग के बीच का अन्तर 3 इंच है। संग्रहालय प्रमुख शान्ति सेरमा ने बताया कि शिवलिंग (ऊपरी भाग) की ऊंचाई 16.5 इंच है और फिसलन वाले भाग की परिधि 5.5 इंच है।
