विश्व सेवा संघ,संवादसूत्र
लखीमपुर खीरी – पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते बनबसा बैराज से 2.40 लाख क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया है। शारदा में पानी छोड़े जाने से जलस्तर खतरे के निशान से महज 21 सेंटीमीटर नीचे रह गया है। इधर, शारदा का जलस्तर बढ़ने पर संबंधित अफसर चौकन्ने हो गए हैं। शारदा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों के गांवों में पानी आने की आशंका है।
बाढ़ कंट्रोल रूम, चौकियां व शरणालय सक्रिय किए गए
बाढ़ से प्रभावित होने वाली जनसंख्या को बाढ़ आने से पूर्व ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाए। तहसील स्तर पर बने बाढ़ कंट्रोल रूम, बाढ़ चौकियां और शरणालय सक्रिय कर दिए गए हैं। खोज एवं बचाव कार्य के लिए नावों को पूर्व में ही प्रीपोजीशन किया जाए। बाढ़ बचाव से संबंधित कंट्रोलरूम के नंबर 1077 और 9454416588 हैं।
बेचेपुरवा और करसौर में कट रहे खेत और घर, लोग घर छोड़ने को मजबूर
बिजुआ। ग्राम पंचायत करसौर के मजरा बेचेपुरवा में नदी किनारे की जमीनें लगातार कट रहीं हैं। मजबूरी में लोग घरों को छोड़कर जा रहे हैं। वहीं फसलें नष्ट होने से किसान भी चिंतित हैं। गांव करसौर की स्थिति और भी चिंताजनक है। यहां शारदा नदी के कटान ने कई घरों और खेतों को पूरी तरह से निगल लिया है। ग्रामीणों को अपने घर व जमीन खोने का डर सता रहा है। बरसात के मौसम में नदी उफान पर आती है और जलस्तर कम होने पर कटान तेज हो जाता है। इस चक्र में तराई के ग्रामीण न तो बाढ़ में सुरक्षित हैं और न ही नदी का जलस्तर कम होने पर।

मोहना नदी की प्रचंड धारा से फटने लगे जिओ ट्यूब
चार करोड़ से अधिक की लागत से 1600 मीटर में हुआ है जिओ ट्यूब लगाने का
तिकुनिया। ग्राम पंचायत जसनगर, क्योंटली, खैरेटिया, मैलानी, नानपारा रेलवे ट्रैक को मोहाना नदी के कटान से बचाने के लिए जून में सिंचाई विभाग ने 1600 मीटर जिओ ट्यूब बनाकर कटान रोकने का प्रयास किया, लेकिन नदी की प्रचंड धारा से जिओ ट्यूब अब फटने लगे हैं। इससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि मोहाना नदी में नेपाल की करनाली नदी का पानी मिल जाने से गति में बहाव तेज होने लगा है। इसके चलते दो जगह पर जिओ ट्यूब फट गईं हैं। गांव निवासी सुनील मौर्य, हैप्पी सिंह, इतवारी, रमाकांत, बिहारी और रामनारायण राजवंशी ने बताया कि दो जगह पर जिओ ट्यूब फटने से खतरा बढ़ गया है।
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता नितिन यादव ने बताया कि कहीं पर कोई गड़बड़ नहीं है। नदी में अधिक पानी आने के चलते एक जगह कुछ गड़बड़ हुई थी, जिसे सही कर दिया गया है। जिओ ट्यूब सुरक्षित हैं, ग्रामीण घबराए नहीं।