निष्पक्ष पत्रकारिता से ही समाज की समस्याओं का समाधान सम्भव – सरताज आलम

  • हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर युवा पत्रकार प्रेसक्लब ने की संगोष्ठी, पत्रकारों ने साझा किये अनुभव
  • पत्रकारों ने जनहित में समर्पित पत्रकारिता का लिया संकल्प

बढ़नी / शोहरतगढ़ – हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर युवा पत्रकार प्रेसक्लब शोहरतगढ़़ द्वारा पत्रकार कार्यालय में एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें तहसील मुख्यालय शोहरतगढ़़ पर कार्यरत पत्रकारों ने भाग लेकर अपने अनुभवों, विचारों और इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला। संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार सरताज आलम ने की जबकि युवा पत्रकार प्रेसक्लब के तत्वावधान में पत्रकारिता एवं युवा पत्रकार प्रेसक्लब तहसील अध्यक्ष श्रवण पटवा और वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्रा, योगेन्द्र जायसवाल व इन्द्रेश तिवारी विशेष तौर पर मौजूद रहें। वरिष्ठ पत्रकार सरताज आलम ने कहा कि आज हिन्दी पत्रकारिता के 199 स्वर्णिम वर्ष पूरे हुए हैं और आज 200वें साल में प्रवेश कर रही है। इन वर्षों में देश की आजादी से लेकर सामाजिक सरोकारों को निभाने में हिन्दी पत्रकारिता ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। आज पत्रकारों के समक्ष खबरों की विश्वसनीयता को बनाये रखने की सबसे अहम चुनौती है। आज के दौर में यह जरूरी है कि सही समाचारों को तथ्यों और पूरी निष्पक्षता से प्रकाशित किया जाये। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द जिला स्तर पर नये और वरिष्ठ पत्रकारों की एक कार्यशाला का आयोजन भी किया जायेगा, जिसमें पत्रकारिता के विभिन्न विषयों पर चर्चा की जायेगी। युवा पत्रकार प्रेसक्लब तहसील अध्यक्ष शोहरतगढ़़ श्रवण पटवा ने कहा कि मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ आज बहुत से बदलाव इस क्षेत्र में आये हैं। लोगों को सही समाचारों के अलावा फेक न्यूज भी देखने को मिलती हैं, जिन पर अंकुश लगाने की जरूरत है। मीडिया के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने समाचारों को सही तथ्यों के साथ लोगों तक पहुंचाएं। हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास की बात करें तो देश की आजादी में कलम के योद्धाओं ने जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्रा ने हिन्दी पत्रकारिता को समाजहित का मिशन बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का मुख्य काम जनता की आवाज को मुखर करना है। सत्ता से सवाल पूछना और सामाजिक समस्याओं का समाधान खोजना भी जरूरी है। कहा कि ईमानदार और निष्ठावान पत्रकार कभी नहीं हारते। नई पीढ़ी के पत्रकारों को सजग और साहसी बनने की सलाह दी। योगेन्द्र जायसवाल ने बताया कि 1826 में पहले अखबार की शुरुआत हुई थी। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन प्रिन्ट मीडिया अब भी अपनी जगह बनाये हुए है। कहा कि पत्रकार हिन्दी पत्रकारिता को मजबूत और निष्पक्ष बनाने में लगे हैं। वे समाज की समस्याओं को उठा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि लालच या भय के कारण समस्याओं से समझौता करना पत्रकारिता के लिए नुकसानदायक है। वहीं पत्रकारों ने मिष्ठान के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार योगेन्द्र जायसवाल, संजय मिश्रा, राकेश बाबा, शरतेन्दु त्रिपाठी, अशोक दूबे, सन्तोष चौधरी, विनीत चौधरी, वसीम अख्तर, राजेश चौधरी, गोलू खान सहित तमाम पत्रकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर अपने अनुभवों को सांझा किया।

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