विशेष रिपोर्ट — विश्व सेवा संघ
नई दिल्ली |भारत ने आतंक के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के महज 15 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल एयर स्ट्राइक कर सफलतापूर्वक उन्हें ध्वस्त कर दिया है। इस हमले में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और किसी भी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ढांचे को क्षति नहीं पहुंचाई गई।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस बर्बर हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान गई थी। हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की भूमिका मानी जा रही थी। खुफिया एजेंसियों ने यह पुष्टि की थी कि इस हमले की योजना पीओके स्थित आतंकी शिविरों में बनाई गई थी।
“ऑपरेशन सिंदूर” – एक सटीक और सीमित सैन्य अभियान
भारतीय सेना ने इस हमले का करारा जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक उच्चस्तरीय गुप्त सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में वायुसेना के विशेष विमानों और मिसाइल प्रणाली का उपयोग किया गया। रात के अंधेरे में संचालित इस मिशन में 9 आतंकी शिविरों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया, जिनमें प्रमुख रूप से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के अड्डे शामिल थे।

प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत निगरानी
इस पूरे अभियान की योजना और संचालन के हर पहलू पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं नजर बनाए हुए थे। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थलसेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए रातभर अभियान की प्रगति पर समीक्षा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “देश की सुरक्षा और आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया जाएगा। आतंकवाद के हर स्वरूप को समाप्त करना भारत की प्राथमिकता है।
“सेना की रणनीति – ‘सटीकता, संतुलन और संयम’
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया कि केवल आतंकी ढांचे को ही नुकसान पहुंचे और आम नागरिक या किसी भी सरकारी-सैन्य प्रतिष्ठान को कोई क्षति न हो। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई न्यायिक और केंद्रित थी।”हमारी कार्रवाई केवल उन स्थानों पर केंद्रित रही जहाँ से भारत पर हमले की योजना बनता