नगर पंचायत बढ़नी में मिलावटखोरों का अवैध कारोबार जारी, कारोबारियों का मजबूत नेटवर्क खाद्य टीम पर पड़ रहा भारी

खाद्य विभाग कर रहा नजर अंदाज या फिर सेटिंग गेटिंग के जरिए फल फूल रहा अवैध कारोबार,उठ रहे कई सवाल

विश्व सेवा संघ संवाद सूत्र

बढ़नी- सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भारत नेपाल सीमा पर स्थित नगर पंचायत बढ़नी बाजार में घटिया क्वालिटी की मिठाइयों की बिक्री धड़ल्ले से विभागीय रहमो-करम पर होने की बात सामने आ रही है कहा जा रहा है जिसके एवज में माह वार फिक्स धन लक्ष्मी मिलावटखोरों से विभाग के कतिपय जिम्मेदारों को जाता है जिसकी चर्चा जोरों पर है इसलिए मिलावटखोर बिना किसी भय के लोगों के स्वास्थ्य को नजर अंदाज करते हुए लाखों कमाकर मालामाल हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बाजार में बिकने वाली कई मिठाइयों में सस्ते और हानिकारक कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल मिलावटखोरों द्वारा किया जा रहा है। बताते हैं कि इसके अलावा, एक्सपायर्ड दूध उत्पादों का भी प्रयोग मिठाइयों को तैयार करने में किया जा रहा है , जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। कुछ दुकानों पर मिलने वाली मिठाइयों में अजीब सी गंध और असामान्य स्वाद है।
लोगों का कहना है कि लखनऊ, कानपुर, दिल्ली से तरह तरह के रेडीमेड मिठाइयां पेड़ा, बर्फी, कलाकंद, सफेद रसगुल्ला, सोनपापड़ी , लड्डू आदि मंगाकर खुले आम बेंचा जा रहा है। जानकार बताते हैं कि ऐसी मिठाईयां खाने से पेट दर्द, उल्टी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें भी हो सकती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ मशहूर और चर्चित दुकानदार मिठाइयां रेडीमेड और सस्ती सामग्री लेकर आते हैं। ये देखने में तो मिठाइयां लगती हैं लेकिन इनमें कोई पोषण मूल्य नहीं होता है। और इस पर कोई पैकिंग तिथि या एक्सपायरी तिथि लिखी नही होती है। यह खुला बेचा जाता है। और किसी तरह का कोई बिल बाउचर भी नही दिया जाता है। विभाग के कतिपय जिम्मेदारों की उदासीनता व मिली भगत से घटिया क्वालिटी की सस्ती मिठाइयां बेचकर गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। क्षेत्र के दर्जनो बुद्धिजीवियों ने इस ओर जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मिलावटखोरों पर कडी़ कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

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