150वें अंतर-संसदीय संघ (IPU) सम्मेलन में बोले लोकसभा अध्यक्ष: भारतीय संसद ने सामाजिक न्याय और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले कई कानून पारित किए हैं।
पीआईबी
ताशकंद (उज़्बेकिस्तान), 6 अप्रैल 2025 | आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने 150वीं अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union – IPU) की ऐतिहासिक सभा में मुख्य भाषण दिया। उन्होंने भारतीय संविधान की आत्मा को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सभी नागरिकों को समान अवसर, समान अधिकार और वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प करता है।
श्री बिड़ला ने कहा, “भारतीय संसद ने हाल के वर्षों में सामाजिक न्याय, सुरक्षा और समावेशन को बढ़ावा देने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया है, जिनमें ‘दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016’, ‘ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019’ और ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023’ शामिल हैं।”उन्होंने ‘भारतीय दंड संहिता’ को हटाकर ‘भारतीय न्याय संहिता’ लागू करने को न्याय की प्रधानता स्थापित करने वाला कदम बताया।
लोकसभा अध्यक्ष ने राम नवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना के साथ समावेशी और न्यायपूर्ण समाज निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है।उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना – आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के माध्यम से निचले 40% तबकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं।
विकसित भारत 2047 की दिशा में भारत तेज़ी से अग्रसर है। श्री बिड़ला ने बताया कि भारत 105% GDP वृद्धि दर के साथ विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है।भारत-वियतनाम साझेदारी:सम्मेलन के दौरान श्री बिड़ला ने वियतनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष HE. श्री त्रान थान मान से भी मुलाकात की। दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक, परमाणु ऊर्जा, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई। श्री बिड़ला ने डिजिटल संसद पहल और भारत-वियतनाम मैत्री समूह के गठन की जानकारी दी।
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संविधान का समावेशी और कल्याणकारी दृष्टिकोणश्री बिड़ला ने अपने भाषण में कहा कि भारतीय संविधान न केवल कानूनों का संकलन है, बल्कि यह एक ऐसा सामाजिक दस्तावेज़ है जो सबके लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा, “भारतीय संसद ने पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं जो समाज के सभी वर्गों को शामिल करते हैं और सामाजिक सुरक्षा तथा न्याय को बढ़ावा देते हैं।
“महत्वपूर्ण विधायिक उपलब्धियाँउन्होंने ‘दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016’, ‘ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2019’ और हालिया ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023’ का उल्लेख किया जो सामाजिक समावेशन के उदाहरण हैं। इसके साथ ही, नए श्रम कानून और कोड विशेषकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।न्याय की प्रधानता: भारतीय न्याय संहिताश्री बिड़ला ने यह भी कहा कि भारत ने ‘भारतीय दंड संहिता’ (Indian Penal Code) को हटाकर ‘भारतीय न्याय संहिता’ (Bharatiya Nyay Sanhita) को लागू किया है,
जो एक ऐतिहासिक कदम है और यह न्याय की प्रधानता को दर्शाता है। यह परिवर्तन केवल नाम का नहीं है, बल्कि इससे न्याय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और सुलभ बनाया गया है।संसदीय समितियाँ: “मिनी संसद” का महत्त्वपूर्ण योगदानलोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि संसद की विभिन्न समितियाँ — जैसे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण समिति, महिला सशक्तिकरण समिति, श्रम और कौशल विकास समिति — सरकारी योजनाओं की निगरानी करती हैं और विकास तथा सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को सुनिश्चित करती हैं। इन समितियों को “मिनी संसद” की संज्ञा दी जाती है
क्योंकि वे जमीनी स्तर पर सुधारों को अमल में लाने में सहायक होती हैं।आयुष्मान भारत: स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिभारत सरकार की “आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)” की सराहना करते हुए श्री बिड़ला ने बताया कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके अंतर्गत भारत की 40% निम्न-आय वर्ग की आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है। यह कार्यक्रम भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को और अधिक मजबूत बनाता है।
विकसित भारत 2047 की दिशा में तेज़ी से बढ़ता भारतश्री बिड़ला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति की है। उन्होंने बताया कि भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरे स्थान की ओर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले दस वर्षों में भारत की GDP 105% की दर से बढ़ी है,
जिससे यह विश्व की सबसे तेज़ी से उभरती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है।उभरती तकनीकों में भारत की भूमिकाभारत आज नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), स्टार्टअप्स, अंतरिक्ष अनुसंधान, रक्षा तकनीक, फिनटेक और फार्मा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल संसद जैसी पहलों ने सरकारी पारदर्शिता और कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।भारत-वियतनाम के बीच बढ़ती साझेदारीIPU सम्मेलन के दौरान श्री बिड़ला ने वियतनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष HE. श्री त्रान थान मान से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, शिक्षा, और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि दोनों देश अपने-अपने विज़न — भारत का “विकसित भारत 2047” और वियतनाम का “विकासशील वियतनाम 2045” — की दिशा में प्रतिबद्ध हैं।संस्कृति और वैश्विक सहयोगश्री बिड़ला ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि IPU सम्मेलन का विषय वैश्विक सहयोग और समावेशन को दर्शाता है, जो भारतीय संस्कृति और दर्शन में गहराई से निहित है। उन्होंने राम नवमी के पावन अवसर पर सभी को शुभकामनाएं भी दीं।यदि आप चाहें तो इस लेख का वीडियो स्क्रिप्ट, PDF न्यूज़ लेआउट, या इन्फोग्राफिक विज़ुअल मैं अब तैयार कर सकता हूँ। बताइए आगे क्या करना है?