विश्व सेवा संघ, संवाददाता
पचपेड़वा । विधानसभा क्षेत्र गैसड़ी के ग्राम पंचायत पकड़ी मधपुर में जन जागरण यात्रा लेकर जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सन्त बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी संत पंकज जी महाराज अपने पचासवे पडा़व पर पहुँचें। साधन मंच, पाण्डाल, जेनरेटर, कुर्सी, गद्दा, भोजन ‘भण्डारा’ के साथ विगत 14 अगस्त से 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा लेकर जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्थानीय भाई-बहनों तथा सहयोगी संगत रायबरेली के भक्त व गैसड़ी विधायक राकेश यादव ने फूल-मालाओं तथा पुष्प वर्षा कर यात्रा का भावपूर्ण स्वागत किया। अपने सत्संग सम्बोधन में महाराज जी ने कहा प्रेमी, भाई-बहनों यह जो कुछ भी आपको दिखाई, सुनाई देता है, यह सब माया की छाया है। माया भी नहीं है। एक निश्चित समय के लिये आपके अच्छे, बुरे कर्मों के हिसाब से जाति-बिरादरी, धन दौलत, पद प्रतिष्ठा में आपका जन्म हो गया और जब श्वासों की पूंजी खत्म होगी तो अपना दिया हुआ सब सामान वह यहीं रखवा लेगा। सुई की नोंक बराबर भी सामान यहां से लेकर नहीं जा सकते और जिस शरीर का बड़ा गुमान करते हो यह यहीं पर जलाकर राख कर दिया जायेगा या तो जमीन में गड्ढा खोद कर दफन कर दिया जायेगा। सोचो! आप के साथ क्या जायेगा। इसलिये अब भी वक्त है खेती, दुकान, दफ्तर का काम मेहनत ईमानदारी से करने के बाद बाल-बच्चों की खिदमत, प्यार, दुलार करने के बाद चैबीस घण्टे में से दो घण्टे समय निकाल कर भगवान का भजन कर लो। यह भजन ही जीवन का सार है। यही भजन जीवात्मा को नर्कों में जाने से बचायेगा। ‘‘बिन हरि भजन न जाहिं कलेशा।’’ लेकिन इसके लिये किसी जानकार गुरु की आवश्यकता होती है। रविदास जी हरिजन थे, मीराबाई क्षत्राणी थी जब इनको वह परमात्मा मिल सकता है तो आपको भी मिल सकता है। इसी मनुष्य शरीर में दोनों आंखों के मध्य में जीवात्मा बैठी है। इसीलिये उसका श्रृंगार किया जाता है यानि कि टीका, चन्दन या बिन्दी, सिंदूर लगाया जाता है। जब गुरु की दया से वह द्वार (ज्ञान चक्षु, शिव नेत्र, तीसरा तिल) खुलता है तो मरने के पहले ही इसी शरीर में राम के, कृष्ण के, अन्य देवी देवताओं के दर्शन होने लगते हैं और वह जीव धन्य हो जाता है। लोगों को शाकाहारी रहने की प्रेरणा दी एवं नशामुक्त रहने के लिए प्रेरित किया। महाराज जी ने कलयुग की सरल साधना सुरत-शब्द योग (नाम-योग) की साधना का भेद भी बताया और सुमिरन, ध्यान, भजन की विधि भी समझाई। संस्थाध्यक्ष पूज्य पंकज जी ने वर्तमान समय में देश में बढ़ती हिंसा और अपराध की प्रवृत्ति में अशुद्ध खान-पान (मांसाहार) और नशीले पदार्थों (शराब आदि) के सेवन को ही मुख्य कारण बताया। उन्होंने आगामी 8 से 12 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम, मथुरा में आयोजित होने वाले पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘‘दादा गुरु जी’’ के वार्षिक भण्डारे में आने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहाँ बुराइयाँ चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा उ.प्र. में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है। यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहाँ सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं। महाराज जी ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जयगुरुदेव संगत बलरामपुर के अध्यक्ष शेषराम यादव , ग्राम प्रधान श्रीमती अनीता देवी यादव, विजय बहादुर एडवोकेट, कृपा शंकर, बाबूराम, रामपाल पाल यादव, रामदीन यादव, सीताराम पासवान, सहयोगी संगत रायबरेली सतीश कुमार सिंह, समर बहादुर मौर्य, अमर सिंह, डलमऊ महिला संगत अध्यक्ष राजकुमारी सिंह के साथ संस्था के पदाधिकारी एवं प्रबन्ध समिति के सदस्यगण भी उपस्थित रहे। जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव हेतु ग्राम मझौली वि.ख. गैसड़ी के लिये प्रस्थान कर गई जहाँ तीन अक्टूबर दोपहर 12 बजे से सत्संग आरम्भ हुआ।