बिजली विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता से औद्दोगिक इकाई का कारोबार हुआ ठप
कंपनी के बंद होने से सैकड़ों मजदूरों की छिनेगी रोजी-रोटी, बेरोजगार हो जाएंगे आसपास के लोग
अभी कुछ माह पहले अकरहरा स्थिति सिल्वर फिन एग्रोवेट के नाम से शुरू हुई थी औद्योगिक इकाई
विश्व सेवा संघ संवाददाता
अर्जुन यादव
बढ़नी- विकास क्षेत्र बढ़नी के ग्राम पंचायत अकरहरा स्थित एक सिल्वर फिन एग्रोवेट प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से औद्दोगिक इकाई की स्थापना हुई थी। जो मछलियों को खिलाने के लिए चारा दाना बनाकर आस-पास के क्षेत्र में मछली पालन करने वाले लोगों व दुकानदारों को उपलब्ध कराती थी। जिससे आसपास के रहने वाले तमाम लोगों को सुविधाएं मिलने के साथ ही रोजी-रोटी भी जुड़ी हुई थी। लेकिन अभी बीते कुछ दिनों से अचानक बिजली आपूर्ति बधित होने से कंपनी का कारोबार ठप पड़ा हुआ है। उसमें मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों के रोजी रोटी छीन जाने से लोग निराश व परेशान दिख रहे हैं। कम्पनी संचालक का कहना है कि बिना पूर्व सूचना के उनके प्राइवेट लाइन को काट दिया गया है।जबकि उनका कोई बकाया नहीं था , विद्युत् विभाग की इस कार्यवाही से कम्पनी संचालकों ने कम्पनी को बंद करने की बात कह रहे हैं। कंपनी संचालकों का कहना है कि हमारे कंपनी का 900 केबीए का कनेक्शन है जिसका खाता संख्या 2710978932 है। हमारा विद्युत सप्लाई ढेबरुआ पावर हाउस से अलग फीडर और 11केवीए की अलग लाइन से किया जा रहा है। लेकिन अभी पिछले 24-07-2024 से ग्रामीण विद्युत् के समय सारिणी के माध्यम से विद्युत् सप्लाई प्राप्त हो रही है। जिसके कारण हमारे प्लांट का प्रोडक्शन बहुत अधिक प्रभावित हो रहा है। नई औद्योगिक इकाई के विद्युत कनेक्शन को 24 घंटे बहाल किया जाने के संबंध में पहले भी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता, महाप्रबंधक जिला उद्योग प्रोत्साहन उद्यमिता विकास केंद्र आदि लोगों को लिखित पत्र भेजकर मांग किया जा चुका है। लेकिन अभी तक इस पर कोई विशेष ध्यान नही दिया जा रहा है।

बताते चलें सिद्धार्थ नगर जनपद में शासन प्रशासन द्वारा जहां लोगों को उद्योग स्थापित करवाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सांसद जगदम्बिका पाल के अथक प्रयासों से कंपनी की स्थापना की गयी थी। अभी कम्पनी पिछले छ महीने से अपना काम काज सुरु कर चुकी है लेकिन आज छ महीने बाद कम्पनी के संचालकों ने कहा कि उनकी कंपनी घाटे में चला रही है जिसे हम बंद करने जा रहे हैं |दाना बनाने वाली कंपनी के फाउंडर ने कहा कि इंडस्ट्रियल कनेक्शन होने के बावजूद ग्रामीण स्तर की बिजली आपूर्ति दी जा रही है, जिससे उनका उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उनका कहना है कि उन्हें 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन कम वोल्टेज और बार-बार की कटौती से मशीनें सही ढंग से काम नहीं कर पा रही हैं।कई बार बिजली इतनी कमजोर होती है कि बड़े उपकरण चालू ही नहीं हो पाते। इससे उत्पादन क्षमता घट गई है। और औद्योगिक कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उद्योग संचालकों ने कहा है कि बिजली विभाग से इंडस्ट्रियल ग्रिड से कनेक्शन होने के बावजूद उन्हें निर्बाध रूप से बिजली नहीं दी जा रही है |बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती से उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है।, इस समस्या का हल नहीं होने पर कम्पनी को बंद करने की बात कह रहे हैं। फाउंडर मेम्बर ने कहा दाना बनाने वाली कंपनियों को बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों के अनुसार, अचानक बिजली गुल होने से उत्पादन रुक जाता है और लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। मशीनें बंद होने से कच्चा माल भी खराब हो रहा है।कंपनी का कहना है कि बिजली विभाग बिना सूचना दिए आपूर्ति बंद कर देता है,। जिससे उनकी उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित होती है। उद्योगपतियों ने प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है। इस समस्या को लेकर जल्द ही डी एम से मुलाकात कर वह इस समस्या से अवगत कराएँगे । इंडस्ट्रियल कनेक्शन काटना सरासर अन्याय है। क्या विभाग को अंदाजा भी है कि इस तरह की मनमानी से उद्योगों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है? एक तरफ सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग उनकी कमर तोड़ने पर तुला है।इंडस्ट्रियल कनेक्शन के बावजूद ग्रामीण स्तर की बिजली देना और फिर मनमाने तरीके से कनेक्शन काट देना अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो उद्योगपति आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।उक्त संबंध में ढेबरुआ पावर हाउस जेई सुरेन्द्र कुमार का कहना है कि सड़क किनारे पेड़ काटे जाने के कारण लाइन मैन द्वारा तार को हटा दिया गया था। जिसकी मौखिक सूचना उनके परिवार के लोगों को दी गई थी। जल्द ही कनेक्शन को जोड़कर बिजली सप्लाई शुरू करा दिया जायेगा।