प्रेस बीफ्रिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री और कर्नल सोफिया कुरैशी।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर दक्षिण एशिया को संकट के मुहाने पर ला खड़ा किया है। पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमाओं पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद भारत ने निर्णायक जवाबी कार्रवाई की है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की कई सामरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर भारी तबाही मचाई है। आइए, घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं अब तक क्या-क्या घटित हुआ।


पाकिस्तान की दुस्साहसिक कार्रवाई

गुरुवार की रात पाकिस्तान ने भारत के कई सीमावर्ती राज्यों – राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और पंजाब – में मिसाइल और ड्रोन हमले किए। पाकिस्तानी वायुसेना के जेएफ-17 और एफ-16 विमान भारतीय वायुसीमा की ओर बढ़े, जिनका उद्देश्य सीमावर्ती ठिकानों पर हमला करना था। इसके साथ ही ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर भारत को उकसाने की कोशिश की गई।

लेकिन भारत पहले से तैयार था। एस-400 और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम ने उच्च स्तरीय सतर्कता और दक्षता के साथ सभी मिसाइलों और ड्रोन को भारतीय सीमा में प्रवेश से पहले ही नष्ट कर दिया। इस हमले में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह एक खुला युद्धघोष जैसा था, जिसका जवाब भारत ने उसी तीव्रता से दिया।


भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर की दूसरी लहर

भारत ने पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब बेहद संगठित और योजनाबद्ध तरीके से दिया। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान के कई प्रमुख शहरों पर सटीक मिसाइल हमले किए गए।

निशाना बनाए गए पाकिस्तानी शहर:

इस्लामाबाद: राजधानी को रणनीतिक मिसाइल हमलों से हिलाकर रख दिया गया।

लाहौर: लाहौर के एयर डिफेंस बेस को भारी नुकसान पहुंचा, चार सैनिक घायल हुए।

कराची: कराची बंदरगाह पर INS विक्रांत से दागे गए मिसाइलों ने भीषण आगजनी कर दी।

सियालकोट और बहावलपुर: इन दोनों शहरों में ड्रोन हमलों से पाकिस्तानी कम्युनिकेशन नेटवर्क ठप हो गया।

इन हमलों का मकसद न केवल जवाब देना था, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना भी था।


वायुसेना की शानदार कामयाबी

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के तीन प्रमुख विमानों को मार गिराया:

  1. दो जेएफ-17 थंडर विमान – जो चीन निर्मित हैं।
  2. एक एफ-16 विमान – अमेरिका निर्मित, जो पाकिस्तान के प्रमुख हमलावर बेड़े का हिस्सा है।
  3. AWACS (Avionics Surveillance Aircraft): यह विमान दुश्मन की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए होता है। भारत ने इसे भी सफलतापूर्वक निशाना बनाया।

INS विक्रांत की समुद्री कार्रवाई

भारतीय नौसेना ने इस संघर्ष में निर्णायक भूमिका निभाई। अरब सागर में तैनात INS विक्रांत ने पाकिस्तान के तटीय शहर कराची और ओरमारा बंदरगाह पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों से कराची बंदरगाह के गोदामों, कंटेनर टर्मिनलों और फ्यूल स्टोरेज टैंकों में भारी विस्फोट और आगजनी हुई।

यह कार्रवाई इस बात का संकेत थी कि भारत सिर्फ जमीनी या हवाई स्तर पर ही नहीं, बल्कि समुद्री मोर्चे पर भी पूरी तरह से तैयार है।


राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक

हमलों के बाद दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की आपात बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, NSA अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह फैसला हुआ कि पाकिस्तान को हर मोर्चे पर जवाब दिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो कार्रवाई को और व्यापक रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।


भारत के सीमावर्ती राज्यों में हाई अलर्ट

भारत के सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई कदम उठाए गए:

ब्लैकआउट आदेश जारी: रात के समय सभी प्रमुख सीमावर्ती शहरों में बिजली बंद कर दी गई ताकि पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को निशाना तय करने में मुश्किल हो।

राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला: सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं और सीमावर्ती जिलों के लिए 5-5 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि जारी की गई।

जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज बंद: 9 और 10 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।


पाकिस्तान में मची खलबली

भारत की सर्जिकल जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और स्वीकार किया कि भारत के हमले में लाहौर समेत 8 प्रमुख शहर प्रभावित हुए हैं।

पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जनता गुस्से और भय में दिखाई दी। कई जगहों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन भी देखने को मिले। इससे पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता पर भी सवाल उठने लगे हैं।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई। अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा का अधिकार है।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा –


जनता की भूमिका और सरकार की अपील

भारत सरकार और सेना ने जनता से संयम और सहयोग की अपील की है। सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचने, केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने और सतर्क रहने को कहा गया है। सेना की ओर से बताया गया है कि हालात नियंत्रण में हैं और हर परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी है।


निष्कर्ष: एक निर्णायक मोड़ की ओर

भारत और पाकिस्तान के बीच यह ताजा टकराव कोई सामान्य सीमा विवाद नहीं, बल्कि एक व्यापक सामरिक चुनौती है। भारत ने पहली बार इतनी व्यापक और संगठित जवाबी कार्रवाई की है, जिससे यह संदेश स्पष्ट गया है कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

यह स्थिति आने वाले दिनों में किस दिशा में जाएगी, यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, सैन्य रणनीति और दोनों देशों की आंतरिक स्थिरता पर निर्भर करेगा। लेकिन एक बात तय है – भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंक और आक्रामकता का जवाब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि रणनीतिक कार्रवाई से दिया जाएगा।

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