सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश: सिद्धार्थनगर जिले से एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसमें एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक माँ की जान चली गई। मामला जिले के प्रमुख अस्पताल, अल सहारा अस्पताल से जुड़ा हुआ है, जहां 24 वर्षीय मरियम की जान को बचाया जा सकता था, लेकिन कथित रूप से हुई लापरवाही के कारण उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

विश्व सेवा संघ संवाद सूत्र

सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश: सिद्धार्थनगर जिले से एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसमें एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक माँ की जान चली गई। मामला जिले के प्रमुख अस्पताल, अल सहारा अस्पताल से जुड़ा हुआ है, जहां 24 वर्षीय मरियम की जान को बचाया जा सकता था, लेकिन कथित रूप से हुई लापरवाही के कारण उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

क्या था पूरा मामला?

यह घटना सिद्धार्थनगर जिले के मोहाना थाना क्षेत्र के हरिदासपुर गांव की रहने वाली मरियम के साथ हुई। परिजनों के अनुसार, मरियम को प्रसव के लिए अल सहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होते समय डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तैयारी की थी, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर कहकशां खान और उनकी टीम से गंभीर चूक हुई।

परिजनों का आरोप है कि पहले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने मरियम के पेट में कुछ छोड़ दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत दूसरा ऑपरेशन किया, लेकिन मरियम की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

मरियम की हालत बिगड़ी, और उसे गोरखपुर रेफर किया गया

जब मरियम की स्थिति गंभीर हो गई और अल सहारा अस्पताल ने उसकी हालत पर कोई काबू नहीं पाया, तो उसे आनन-फानन में गोरखपुर के आनंदलोक अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आनंदलोक अस्पताल के डॉक्टरों ने मरियम को मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टर का चौंकाने वाला बयान

इस पूरे मामले के बाद जब मीडिया ने डॉक्टर कहकशां खान से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने केवल “Sorry, Sorry” कहकर कैमरे के सामने चुपचाप अस्पताल छोड़ दिया। यह बयान और उनके बर्ताव ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि किसी ऐसी गंभीर घटना के बाद कोई उचित जवाबदेही और स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

स्थानीय लोगों का गुस्सा और प्रशासन पर दबाव

इस घटना को लेकर स्थानीय लोग बेहद गुस्से में हैं। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब अल सहारा अस्पताल पर ऐसी गंभीर आरोप लगे हों। इससे पहले भी अस्पताल में लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

जिलाधिकारी का एक्शन और जांच की प्रक्रिया

मामला अब तूल पकड़ चुका है। जिलाधिकारी राजा गणपति आर ने वायरल हुए वीडियो का संज्ञान लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम स्तर की तीन सदस्यीय टीम गठित की है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी। जिलाधिकारी ने कहा, “जांच के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।”

क्या होगी दोषियों पर कार्रवाई?

अब सवाल ये उठता है कि क्या इस घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी? क्या डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन को कड़ी सजा मिलेगी, या फिर इस मामले को भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबा दिया जाएगा?

स्थानीय लोग और मृतका के परिवार के सदस्य चाहते हैं कि दोषियों को सख्त सजा मिले, ताकि इस तरह की घटनाओं का पुनरावृत्ति न हो और अस्पताल प्रशासन पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।

निष्कर्ष

यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की मौत का कारण नहीं बनी है, बल्कि पूरे जिले में अस्पतालों की व्यवस्था और डॉक्टरों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठा रही है। यदि प्रशासन अब भी इस मामले में लापरवाही बरतता है, तो यह सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास को और अधिक कमजोर कर देगा। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और न्याय व्यवस्था इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी या फिर एक और माँ की मौत सिर्फ एक और हेडलाइन बनकर रह जाएगी।

नोट: ‘विश्व सेवा संघ’ न्यूज पोर्टल इस मामले में सही जानकारी और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जनता को हर जरूरी जानकारी मिल सके और प्रशासन पर उचित दबाव डाला जा सके।

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