सीडीपीओ बढ़नी द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शिकायत पर फर्जी रिपोर्ट लगाने का आरोप, शिकायतकर्ता को ठहरा रहे गलत

विश्व सेवा संघ संवाद सूत्र

बढ़नी- विकास खंड बढ़नी क्षेत्र में प्री प्राइमरी शिक्षा व नौनिहालों को कुपोषण मुक्त बनाने आदि उद्देश्यों को लेकर संचालित आंगनबाड़ी केंद्र इस समय खुद कुपोषण के शिकार हैं। अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों पर न तो बच्चों को मेन्यू के हिसाब से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, न ही धात्री, गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार वितरण हो पा रहा है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले ही नहीं खुलते हैं। आसपास गंदगी के चलते बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है।
जिससे इन केंद्रों पर शासन की मंशा फलीभूत नहीं हो पा रही है।  ग्रामीणों की माने तो अधिकांश केंद्रों पर पुष्टाहार का वितरण भी समय पर नहीं किया जा रहा है। जिन बच्चों को पौष्टिक आहार मिलना चाहिए, वे वंचित रह जाते हैं। इससे न सिर्फ योजनाओं की सार्थकता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि बच्चों के पोषण स्तर पर भी असर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करती दिखती हैं, परंतु बच्चों की वास्तविक उपस्थिति मेल नहीं खाती। अभिभावकों का कहना है कि कई बार केंद्रों पर गतिविधियां नहीं होतीं या समय से पहले बंद हो जाती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की लापरवाही के कारण समय से केन्द्रो का ताला तक नहीं खुलता है। आसपास के लोगों से पूछने पर पता चलता है कि ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े रहते हैं।
शनिवार को ग्राम पंचायत सेमरहवा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पर  11:50 बजे तक बंद पड़ा हुआ था और दरवाजे पर ताला लटक रहा था। वहीं गांव निवासी संदीप कुमार यादव ने बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र ज्यादातर बंद रहता है। कभी कभार ही खुलता है।हमारे परिवार में छोटे छोटे बच्चे हैं, जिन्हें इस केंद्र से कोई लाभ नही मिलता है। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया गया था, शिकायत संख्या –92518400010511 के संदर्भ में बाल विकास परियोजना अधिकारी बढ़नी द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगाकर शिकायतकर्ता को ही ग़लत ठहराया जा रहा है।
वहीं गांव निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि उनका लड़का अरुण 4 वर्ष, बरुण 3 वर्ष, अन्नया डेढ़ वर्ष की लगभग है। जिसे केंद्र से कोई सुविधा लाभ नही मिलता है। सिकंदर ने बताया कि उनके परिवार का आकाश 5वर्ष, संदनी 2 वर्ष की है। उन्हें भी केंद्र बंद होने से कोई फायदा नही मिलता है।

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