हाइ अलर्ट पर कश्मीर घाटीसुरक्षाबलों का कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी, गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे श्रीनगर
पहलगाम (जम्मू‑कश्मीर), 22 अप्रैल 2025
विश्व सेवा संघ ब्यूरो
कश्मीर की सुरम्य पहाड़ियों में बसे लोकप्रिय पर्यटन‑स्थल पहलगाम मंगलवार दोपहर उस समय गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा, जब छिपे हुए आतंकियों ने घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। घटनास्थल बैसरन टॉप पर मची अफरातफरी में दर्जन‑भर से ज़्यादा लोग घायल हुए तथा 26 पर्यटकों की मौत की पुष्टि सुरक्षा सूत्रों ने की है। हमले के तुरंत बाद सेना, CRPF और जम्मू‑कश्मीर पुलिस ने संयुक्त सर्च‑ऑपरेशन छेड़ दिया है; घाटी में हाइ अलर्ट लागू है।
हमले का घटनाक्रम: 10 बिंदुओं में पूरा विवरण
समय और स्थान – हमला दोपहर क़रीब 2:30 बजे बैसरन के घने चीड़‑वनों के बीच हुआ, जहाँ पर्यटक घोड़ों पर सवार हो कर स्नो‑पॉइंट तक जाते हैं।
आतंकी रणनीति – सुरक्षाबलों के अनुसार दो‑तीन आतंकियों ने ऊँचाई से नीचे उतरते समूह को घेर कर क्रॉस‑फ़ायर पोज़िशन ली, ताकि बचाव के रास्ते सीमित हो जाएँ।
शिकार बने सैलानी – मरने‑वालों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के परिवार शामिल हैं; घायलों को श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में एयरलिफ्ट किया गया।
स्थानीय गाइड की बहादुरी – प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ गाइड मुश्ताक अहमद ने कई बच्चों को बड़ी चट्टान के पीछे धकेल कर जान बचाई; उन्हें गोली लगी लेकिन हालत स्थिर है।
सुरक्षा प्रतिक्रिया – आस‑पास तैनात QAT‑दल दस मिनट में पहुँचा; परंतु दुर्गम भू‑भाग के कारण शुरुआती तलाश चुनौतीपूर्ण रही।
मोबाइल‑नेटवर्क बंद – ऑपरेशन को गुप्त रखने और अफ़वाहें रोकने के लिए पहलगाम व अनंतनाग ज़िलों में इंटरनेट टेम्पररी सस्पेंड है।
अमरनाथ यात्रा पर प्रभाव – यही इलाका आगामी जून‑जुलाई में अमरनाथ यात्रा के लिए बेस‑कैंप बनता है; प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर पुनर्विचार शुरू कर दिया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ – प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया; महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “यह हमला विकास और पर्यटन को पटरी से उतारने की नापाक साज़िश है।”
गृह मंत्री का दौरा – अमित शाह शाम 6 बजे श्रीनगर पहुँचे; सुरक्षा‑तंत्र, इंटेलिजेंस और राज्य प्रशासन के साथ हाई‑लेवल बैठक जारी है।
लड़ाई लंबी हो सकती है – सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संकेत दिया कि हमलावर स्लीपर‑सेल से जुड़े हो सकते हैं; ख़ुफ़िया इनपुट पर आधारित रूट‑डॉमिनेशन पेट्रोल बढ़ाई गई है।
पहलगाम क्यों है टेरर मॉड्यूल की नज़र में?
टूरिज़्म हब: बर्फ़बारी के बाद घाटी का यह इलाक़ा मार्च‑अप्रैल में पर्यटकों से गुलज़ार रहता है; आतंकी ‘सॉफ्ट टारगेट’ खोजते हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय सुर्खियाँ बनें।
भौगोलिक चुनौती: ऊँचे‑नीचे पहाड़ी पथरौलें, घने जंगल और सीमित मोटर‑रोड सुरक्षा बलों की त्वरित पहुँच को बाधित करते हैं।
अर्थ‑व्यवस्था पर वार: स्थानीय व्यापार largely पर्यटक‑आधारित है; डर का माहौल बना कर राजस्व पर चोट पहुँचाना दहशतगर्दों की प्राथमिकता रहती है।
अमरनाथ कॉरिडोर: पहलगाम‑चंदनवाड़ी रूट अमरनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है; यहां हमला कर के आतंकी साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करते हैं।
घायलों का हाल व राहत‑इंतज़ाम
श्रीनगर के शेर‑ए‑कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ (SKIMS) में 12, SMHS हॉस्पिटल में 7 तथा अनंतनाग ज़िला अस्पताल में 4 घायलों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने ‘कोड रेड’ लागू कर सर्जनों और ट्रॉमा विशेषज्ञों की अतिरिक्त टीम बुलाई है। जम्मू‑कश्मीर एलजी प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और घायलों को ₹2 लाख की तत्काल अनुग्रह‑राशि की घोषणा की है।
सुरक्षा‑मूल्यांकन और आगे की रणनीति
पहल त्वरित कदम दीर्घकालिक योजना
इंटेलिजेंस स्थानीय स्रोतों से रीयल‑टाइम इनपुट; ड्रोन‑रीकॉन ह्यूमन‑इंटेल नेटवर्क का विस्तार
इंफ्रास्ट्रक्चर बैसरन ट्रैक पर CCTV, सैटेलाइट फोन प्वाइंट्स स्मार्ट‑सुरveillance कॉरिडोर
कम्युनिटी‑एंगेजमेंट गाइड‑एसोसिएशन के साथ SOP अपडेट युवा रोजगार‑परियोजनाएँ, पर्यटन पुलिस
यात्रियों के लिए परामर्श
वर्तमान में पहलगाम, सोनमर्ग और गुलमर्ग जाने वालों को पहचान‑पत्र साथ रखने और निर्धारित ट्रैक पर ही रहने की सलाह दी गई है।
समूह यात्रा, अधिकृत गाइड, और स्थानीय प्रशासन द्वारा अनुमोदित टूर ऑपरेटर चुनें।
आपात स्थिति में टोल‑फ़्री नम्बर 14411 या नज़दीकीसुरक्षा‑दल से संपर्क करें।
संपादकीय टिप्पणी
कश्मीर में सामान्यcy लौटाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण रहा है। लेकिन हर आतंकी वारदात फिर याद दिलाती है कि विकास‑यात्रा और दहशतगर्दी की लड़ाई साथ‑साथ चल रही है। सरकार‑प्रशासन को जहाँ सुरक्षा‑ढाँचा मज़बूत करना होगा, वहीं हमें भी ज़िम्मेदार सैलानी बन कर स्थानीय समुदाय का सहयोग बढ़ाना होगा।
(रिपोर्ट: विश्व सेवा संघ डिजिटल ब्यूरो | इनपुट: एजेंसियाँ, ग्राउंड‑कर्मचारी)