स्थान – समोगरा, तहसील बाँसी, जनपद सिद्धार्थनगर
तारीख – 21 अप्रैल 2025
सिद्धार्थनगर जनपद के बाँसी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत समोगरा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर सोमवार को गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया। विवाद तब गहराया जब प्रशासन की एक टीम, जिसमें तहसील प्रशासन और पुलिस बल शामिल था, प्रतिमा को हटाने के लिए गाँव पहुंची। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। विरोध कर रहे ग्रामीणों और प्रशासनिक टीम के बीच झड़प हो गई, जिसमें पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएं सामने आईं।
घटना की पृष्ठभूमि
जानकारी के अनुसार, 20 अप्रैल 2025 को समोगरा गांव के कुछ ग्रामीणों ने बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा को अपनी निजी भूमि पर स्थापित किया था। अगले ही दिन, 21 अप्रैल की सुबह, ग्राम प्रधान द्वारा इस प्रतिमा की स्थापना पर आपत्ति जताई गई और प्रशासन को सूचित किया गया। ग्राम प्रधान के विरोध के बाद, प्रशासन की ओर से तहसील और पुलिस टीम मौके पर भेजी गई।
प्रशासन का कहना है कि प्रावधानों के अनुसार, किसी भी महान व्यक्तित्व की प्रतिमा सार्वजनिक या निजी भूमि पर स्थापित करने से पहले सरकारी अनुमति आवश्यक होती है। इस मामले में अनुमति नहीं ली गई थी, जिससे प्रशासन ने प्रतिमा को हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की।
झड़प और पथराव
जब प्रशासनिक टीम प्रतिमा को हटाने पहुंची और कार्यवाही प्रारंभ की, उसी समय वहां मौजूद ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया। प्रतिमा को हटाए जाने के दौरान, वह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया। प्रतिमा के टूटने से स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
ग्रामीणों ने प्रशासनिक टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि ग्रामीण पथराव कर रहे हैं और पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। इस झड़प में बाँसी तहसील के नायब तहसीलदार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, ग्रामीणों का दावा है कि महिलाओं और बुजुर्गों पर भी पुलिस ने लाठियां चलाईं, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना से क्षेत्र के अंबेडकरवादी संगठनों और समुदाय में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि बाबा साहब की प्रतिमा को तोड़ना उनके सम्मान का अपमान है और इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि एक निर्दोष युवक को पुलिस जबरन अपने साथ उठा ले गई और उस पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
आज़ाद समाज पार्टी (काशीराम) के जिलाध्यक्ष राजेंद्र भारती ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने सभी अंबेडकरवादी संगठनों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट हों और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को सुबह 11:00 बजे समोगरा गाँव के पीड़ित ग्रामीण जिला मुख्यालय नौगढ़ पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे और न्यायिक जांच की मांग करेंगे।
राजेंद्र भारती ने कहा,
“यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं, यह हमारे आत्मसम्मान का प्रतीक है। जिस तरह से प्रशासन ने बाबा साहब की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई और ग्रामीणों पर लाठियां बरसाईं, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम सभी से निवेदन करते हैं कि कल जिला मुख्यालय पहुंचें और इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं।”
प्रशासन का पक्ष
प्रशासन का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया गया। उनका कहना है कि गांव में बिना अनुमति मूर्ति स्थापना, स्थानीय प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है और इस पर कार्यवाही करना अनिवार्य था। वहीं, पथराव के चलते पुलिस और तहसील प्रशासन के कई अधिकारी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
प्रशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि समाज में आज भी संवेदनशील मुद्दों को लेकर प्रशासन और जनता के बीच संवाद की कमी किस कदर तनावपूर्ण स्थितियों को जन्म दे सकती है। जहां प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा था, वहीं जनता की आस्था और भावनाएं भी इस मामले से जुड़ी थीं। इस प्रकार के मामलों में संवाद, सहमति और संवेदनशीलता आवश्यक है।
फिलहाल, घटना ने क्षेत्र में असंतोष की लहर पैदा कर दी है। जिला प्रशासन और शासन की जिम्मेदारी है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच कराए, दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे, और शांति बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को विश्वास में ले।
‘विश्व सेवा संघ’ इस घटना पर पैनी नजर बनाए हुए है। आगे की जानकारी के लिए जुड़े रहें।