तुलसियापुर/सिद्धार्थनगर, 14 अप्रैल 2025 – जिले के वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर सैनी का सोमवार को बाणगंगा घाट पर पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वे विगत 17 दिनों से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे थे। अंततः 13 अप्रैल को रात्रि 8:30 बजे लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
अंतिम संस्कार के समय घाट पर क्षेत्र के तमाम प्रमुख जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति रही। सीओ सुजीत राय, शोहरतगढ़ थाने के प्रभारी निरीक्षक विंदेश्वरी मणि त्रिपाठी, अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी, ग्राम प्रधान लाल सिंह चौधरी, पूर्व प्रधान अनिल पासवान, भाजपा नेता अनिल अग्रहरि, हियुवा नेता अजय सिंह, विजय सिंह चौधरी, श्याम प्रकाश पासवान, केपी, देव नारायण यादव, राकेश सहित सैकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
एक दर्दनाक हादसे की शुरुआत
प्रेम शंकर सैनी, पुत्र बालेश्वर प्रसाद सैनी, तहसील शोहरतगढ़ क्षेत्र के बढ़नी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत अहिरौला के निवासी थे। पत्रकारिता में सक्रिय और सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहने वाले प्रेम सैनी प्रतिदिन की भांति 28 मार्च 2025 की सुबह 5:00 बजे के आसपास अपने कुछ सहयोगियों के साथ मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। घोरहिया नदी के पास जैसे ही वे पहुंचे, पीछे से आ रहे एक तेज़ रफ्तार ट्रक या ट्रेलर ने उन्हें टक्कर मार दी और चालक मौके से फरार हो गया।इस दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें आईं। मौके पर मौजूद उनके साथियों ने तत्काल परिजनों और स्थानीय लोगों को सूचना दी। परिजन उन्हें तत्काल सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल लेकर पहुँचे, जहाँ डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देखते हुए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहाँ कुछ दिनों तक इलाज के बाद भी जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो गोरखपुर से उन्हें लखनऊ स्थित पीजीआई रेफर कर दिया गया।
अंतिम उम्मीद भी न बच सकी
पीजीआई में उन्हें भर्ती न करा पाने के कारण परिजनों ने उन्हें लखनऊ के ही आईकॉन हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहाँ इलाज के दौरान लगातार हालत गंभीर बनी रही। अंततः 13 अप्रैल की रात को 17 दिनों की लंबी जद्दोजहद के बाद पत्रकार प्रेम सैनी ने दम तोड़ दिया।उनकी मृत्यु की सूचना मिलते ही पूरे शोहरतगढ़ और बढ़नी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। पत्रकारिता जगत, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसे अपूरणीय क्षति बताया।
पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में आया मोड़
प्रेम सैनी के परिजनों ने उनकी मृत्यु के बाद ढेबरुआ पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर शव का पोस्टमार्टम कराने का अनुरोध किया। बताया जा रहा है कि सांसद जगदंबिका पाल की सक्रिय पहल और हस्तक्षेप से ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो सकी। इसके बाद सोमवार देर शाम बाणगंगा नदी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दुर्घटना की लिखित शिकायत परिजनों द्वारा 1 अप्रैल को ढेबरुआ थाने में की गई थी। इसके बावजूद एफ.आई.आर. संख्या 0057/2025 अज्ञात वाहन के विरुद्ध दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी, लेकिन 2 सप्ताह तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।इस केस के विवेचक रामजी यादव पर आरोप है कि उन्होंने परिजनों द्वारा दिए गए दो ट्रक/ट्रेलर के लोकेशन संबंधी महत्वपूर्ण सुरागों को नजरअंदाज किया। जांच को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। जानकारों की मानें तो जब मामला पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन तक पहुँचा, तब उन्होंने तत्परता दिखाते हुए जांच अधिकारी रामजी यादव को लाइन हाजिर कर दिया।
अब उम्मीद पुलिस पर टिकी
अब यह देखना शेष है कि ढेबरुआ पुलिस इस प्रकरण की जांच कितनी गंभीरता और त्वरितता से कर पाती है। परिजनों और पत्रकार समुदाय की मांग है कि दोषी वाहन और चालक को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हो सकें
स्मृतियों में जीवित रहेंगे प्रेम सैनी
प्रेम शंकर सैनी न सिर्फ एक जुझारू पत्रकार थे, बल्कि सामाजिक चेतना से परिपूर्ण एक सजग नागरिक भी थे। उन्होंने हमेशा ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को आवाज दी और प्रशासन तक पहुंचाया। उनके निधन से क्षेत्र में जो खालीपन आया है, उसकी भरपाई करना कठिन है।
विश्व सेवा संघ परिवार की ओर से हम दिवंगत पत्रकार प्रेम शंकर सैनी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य देने की शक्ति दें।