विश्व सेवा संघ, न्यूज टीम
लखीमपुर खीरी – कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों के बच्चों को पड़ोसी विद्यालयों में समायोजन होने के आए आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 23 स्कूल शामिल हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूरे जिले में 200 ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर छात्र संख्या 50 से भी कम है। 49 स्कूलों में 20 से भी कम छात्र पंजीकृत हैं। बच्चे पहले विद्यालय से समायोजित हुए दूसरे विद्यालय में पढ़ने जाएंगे। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि जिले में 3106 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिले में 249 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बच्चों की संख्या 50 और 20 से कम है। साथ ही शिक्षकों की भारी कमी है। इन स्कूलों के बच्चों का समायोजन किया जाएगा।
समायोजन वाले स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय कुशुमी कॉलोनी- संविलियन विद्यालय भटपुरवा,
प्राथमिक विद्यालय दुल्हापुर- प्राथमिक विद्यालय बंजरिया,
प्राथमिक विद्यालय मुनीमगंज- प्राथमिक विद्यालय बौआं,
प्राथमिक विद्यालय नसबंधी टोला- संविलियन विद्यालय सुमेरनगर,
प्राथमिक विद्यालय खैरहना-2- संविलियन विद्यालय बिजौरिया,
प्राथमिक विद्यालय कोदीपुरवा- प्राथमिक विद्यालय कटकुसुमा,
प्राथमिक विद्यालय फतियापुर- प्राथमिक विद्यालय कटिघरा,
प्राथमिक विद्यालय जीराबोझी- प्राथमिक विद्यालय बसारा,
प्राथमिक विद्यालय रामापुर- संविलियन विद्यालय अल्लीपुर,
प्राथमिक विद्यालय जार- प्राथमिक विद्यालय कुंवरपुरमाफी,
प्राथमिक विद्यालय कुंभी- उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंभी,
प्राथमिक विद्यालय कोरैया- प्राथमिक विद्यालय हसनापुर,
प्राथमिक विद्यालय महाराजनगर- संविलियन विद्यालय महाराजनगर,
प्राथमिक विद्यालय कल्लूमल- प्राथमिक विद्यालय एसपी वाजपेयी,
प्राथमिक विद्यालय ईदगाह बालक- संविलियन विद्यालय ईदगाह,
प्राथमिक विद्यालय उधौनगर- संविलियन विद्यालय उधौनगर,
प्राथमिक विद्यालय चंदनपुरवा- प्राथमिक विद्यालय तमोलिनपुरवा,
प्राथमिक विद्यालय महुआ-संविलियन विद्यालय रकेहटी,
प्राथमिक विद्यालय कल्लूपरवा- प्राथमिक विद्यालय भौंका,
प्राथमिक विद्यालय सहाबुद्दीनपुर- प्राथमिक विद्यालय निपनिया,
प्राथमिक विद्यालय लुधौरा- प्राथमिक विद्यालय रमुआपुर बिझौली,
प्राथमिक विद्यालय आधारपुर- उच्च प्राथमिक विद्यालय कोरैया जंगल
प्राथमिक विद्यालय जिगनहा खानपुर- संविलियन विद्यालय सकेथू शामिल हैं।
अब इन विद्यालयों के बच्चे निर्धारित स्कूलों में जाकर पठन-पाठन करेंगे।
कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। समायोजित होने वाले विद्यालयों में बाल वाटिकाएं संचालित की जाएंगी। बच्चों की संख्या बढ़ने पर दोबारा इन्हीं विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर तीन तक की पढ़ाई होगी। कक्षाएं समायोजित होने वाले विद्यालयों में ही चलेंगी।