पानी संस्थान के किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम से मिली नई दिशा

विश्व सेवा संघ संवाददाता
जय प्रकाश त्रिपाठी
की रिपोर्ट

मिठौवा (सिद्धार्थनगर)।
विकासखंड खुनियांव के ग्राम पंचायत मिठौवा में पानी संस्थान द्वारा चलाए जा रहे किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम ने गांव की दर्जनों किशोरियों की जिंदगी बदलनी शुरू कर दी है। आरसी सेंटर मिठौवा फर्स्ट की आरसीएफ पूजा गौतम के मार्गदर्शन में 10 से 19 वर्ष की बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन जीने की सही शैली सिखाई जा रही है।
केंद्र पर जुटीं दर्जनों बालिकाएं
कवरेज के दौरान आरसी सेंटर पर लगभग 20किशोरियां मौजूद रहीं, जिनमें सरोज चौहान, चाहत, वंदना, रोशनी, प्रिया सहित कई बालिकाएं शामिल थीं। पूजा गौतम ने उन्हें सहज भाषा में स्वस्थ शरीर निर्माण, पोषण, स्वच्छता और आत्मविश्वास बढ़ाने की बातें समझाईं।
क्या है किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम
यह कार्यक्रम पानी संस्थान द्वारा विशेष रूप से ग्रामीण किशोरियों के लिए चलाया जा रहा है। इसमें 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग की बालिकाओं को शामिल किया जाता है।
शिक्षा : नियमित पढ़ाई के साथ-साथ जीवनोपयोगी ज्ञान।
स्वास्थ्य एवं पोषण : सही खानपान, साफ-सफाई, मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा।
कौशल विकास : मिठौवा की किशोरियां बन रही आत्मनिर्भर
पानी संस्थान के किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम से मिली नई दिशा
कवरेज के दौरान आरसी सेंटर पर लगभग 20 किशोरियां मौजूद रहीं, जिनमें सरोज चौहान, चाहत, वंदना, रोशनी, प्रिया सहित कई बालिकाएं शामिल थीं। पूजा गौतम ने उन्हें सहज भाषा में स्वस्थ शरीर निर्माण, पोषण, स्वच्छता और आत्मविश्वास बढ़ाने की बातें समझाईं।
क्या है किशोरी सशक्तीकरण कार्यक्रम*
यह कार्यक्रम पानी संस्थान द्वारा विशेष रूप से ग्रामीण किशोरियों के लिए चलाया जा रहा है। इसमें 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग की बालिकाओं को शामिल किया जाता है।
शिक्षा : नियमित पढ़ाई के साथ-साथ जीवनोपयोगी ज्ञान।
स्वास्थ्य एवं पोषण : सही खानपान, साफ-सफाई, मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा।
कौशल विकास : सिलाई, कढ़ाई, कला एवं अन्य हुनर सिखाकर आत्मनिर्भर बनाने की पहल।
जागरूकता : सामाजिक मुद्दों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी।
गांव की किशोरियों को मिला अवसर
इस कार्यक्रम से जहां ग्रामीण किशोरियों को आत्मविश्वास और नई दिशा मिल रही है, वहीं उनके भीतर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी जाग रही है। शिक्षित व जागरूक किशोरी भविष्य में परिवार और समाज दोनों को नई ऊर्जा दे सकती है।लाई, कढ़ाई, कला एवं अन्य हुनर सिखाकर आत्मनिर्भर बनाने की पहल।
जागरूकता : सामाजिक मुद्दों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी।
गांव की किशोरियों को मिला अवसर
इस कार्यक्रम से जहां ग्रामीण किशोरियों को आत्मविश्वास और नई दिशा मिल रही है, वहीं उनके भीतर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी जाग रही है। शिक्षित व जागरूक किशोरी भविष्य में परिवार और समाज दोनों को नई ऊर्जा दे सकती है।

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