
विश्व सेवा संघ, न्यूज टीम
बिजुआ। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से शारदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। शारदा नदी के किनारे बसे गांवों में कटान का खतरा हो गया है। गांव करसौर में चार ग्रामीणों के घर नदी में समा गए हैं। कई एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी निगल गई है। मजबूर होकर ग्रामीण अपनी गृहस्थी समेटकर पलायन करने लगे हैं।
विकास खंड बिजुआ की ग्राम पंचायत करसौर में शारदा नदी तेजी से कटान कर रही है। यहां शुक्रवार की रात चार घरों को नदी ने अपने आगोश में ले लिया। इससे लोग बेघर हो गए। गांव के कमलेश, सोनू, ओमप्रकाश और शिव कुमार के घर नदी में समा गए।
इसके अलावा सुमित, मुकेश और शिवप्यारी के मकान कटान की जद में है। कुछ लोगों ने तो अपने मकानों की ईंटें निकाल ली हैं। अपना सामान बैलगाड़ियों और ट्राॅलियों में भरकर ऊंची जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं।
लेखपाल राजीव कुमार वर्मा मौके पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कटान से बचाव के कोई उपाय नहीं किए जा रहे। इस गांव के श्रीकृष्ण यादव की आठ एकड़, भगवती प्रसाद प्रधान और रजेयपाल की सात एकड़, अतिबल सिंह की पांच एकड़, रामसेवक, सरनाम और सोबरन की डेढ़-डेढ़ एकड़, मनोज की एक एकड़ व कढ़िले की आठ एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी में समा गई। अभी कटान जारी है। इससे ग्रामीणों में दहशत है। लेखपाल राजीव कुमार वर्मा ने बताया, शनिवार देर शाम एसडीएम व तहसीलदार मौके का जायजा लेने के लिए आएंगे।
सरकार ने नहीं किया कोई प्रयास
कटान तो पिछले साल से चल रहा है, लेकिन सरकार के कान पर कभी जूं नहीं रेंगी। पड़ोस के कई गांव नष्ट हो चुके हैं। करसौर ग्राम पंचायत का मजरा चकपुरवा और नयापुरवा शारदा नदी में समा चुके हैं, लेकिन सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया गया।