विश्व सेवा संघ,संवादसूत्र

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त नवंबर के पहले हफ्ते में जारी की जा सकती है। देशभर के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को इसका फायदा मिलेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये किस्त बिहार विधानसभा चुनाव (6 और 11 नवंबर) से ठीक पहले जारी की जा सकती है। हालांकि, सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने क्या कहा ?

  • केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि जल्द ही किसानों के खातों में 2,000 रुपए की अगली किस्त जमा की जाएगी।
  • सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि वे आधार सीडिंग, ई-केवाईसी और अन्य जरूरी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करें ताकि भुगतान में देरी न हो।
  • जम्मू-कश्मीर के दौरे में उन्होंने कहा था कि सीमावर्ती इलाकों में कई किसान खेती तो कर रहे हैं, लेकिन उनके जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज पूरे नहीं हैं।
  • अगर राज्य सरकारें ऐसे किसानों का वेरिफिकेशन करके उनके नाम केंद्र को भेजें, तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकता है।
  • इसके 18 दिन बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 8.5 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 171 करोड़ रुपए की 21वीं किस्त ट्रांसफर कर दी थी।

कुछ राज्यों को पहले ही मिल चुकी 21वीं किस्त

केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में 21वीं किस्त पहले ही जारी कर दी है। 26 सितंबर 2025 को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों को ये किस्त दी गई, क्योंकि इन राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अग्रिम राहत दी गई थी। इसके अलावा 7 अक्टूबर 2025 को जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी ये किस्त मिल चुकी है। बाकी राज्यों को नवंबर में भुगतान होने की उम्मीद है।

इस योजना के तहत किसानों के खाते में हर साल तीन किश्तों में 2-2 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। पहली किस्त अप्रैल-जुलाई के बीच, दूसरी किस्त अगस्त-नवंबर और तीसरी किस्त दिसंबर-मार्च के बीच जारी की जाती है।

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का क्या असर?

बिहार में विधानसभा चुनाव के चलते मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस दौरान भुगतान हो सकता है? जवाब है- हां।

मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान नई योजनाओं की घोषणा नहीं हो सकती, लेकिन पहले से चल रही योजनाओं, जैसे PM-किसान के तहत भुगतान जारी रह सकता है। बस शर्त ये है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच सारी तकनीकी औपचारिकताएं पूरी होनी चाहिए।

इन किसानों को नहीं मिलेगी किस्त

कृषि मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिन किसानों ने ई-केवाईसी, आधार सीडिंग या बैंक खाता लिंकिंग पूरी नहीं की है, उन्हें 21वीं किस्त नहीं मिलेगी। राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द पात्र किसानों की वेरिफिकेशन लिस्ट तैयार करके केंद्र को भेजें।

किसानों के लिए सलाह

अगर आप PM-Kisan योजना के लाभार्थी हैं, तो तुरंत अपनी ई-केवाईसी और आधार सीडिंग की स्थिति जांच लें। अगर ये औपचारिकताएं पूरी नहीं हैं, तो अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से संपर्क करें। समय रहते ये काम पूरा कर लें, ताकि अगली किस्त आपके खाते में बिना किसी रुकावट के पहुंच जाए।

अगर किस्त नहीं आई है तो क्या करें?

अगर आपको इस योजना के रजिस्ट्रेशन में कोई परेशानी आ रही है, या आपकी किस्त से जुड़ी कोई समस्या है, या कोई और अन्य सवाल है तो इसके लिए आपको PM किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर फार्मर कॉर्नर में हेल्प डेस्क पर जाना होगा।

हेल्प डेस्क पर क्लिक करने के बाद यहां आप अपना आधार नंबर, अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें। गेट डिटेल्स क्लिक करने पर क्वेरी फॉर्म आ जाएगा। यहां ड्रॉप डाउन में अकाउंट नंबर, पेमेंट, आधार और अन्य समस्याओं से जुड़े ऑप्शन दिए गए हैं। अपनी समस्या के हिसाब से इसे चुने और नीचे इसका विवरण भी लिखे। अब इसे सब्मिट करें।

योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।

2 अगस्त को 20वीं किस्त जारी की गई थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त जारी की थी। PM मोदी वाराणसी उत्तर प्रदेश से 9.7 करोड़ किसानों के अकाउंट में 20वीं किस्त के रूप में 20.84 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे।

PM-किसान योजना 2019 में शुरू हुई थी

PM-Kisan योजना फरवरी 2019 में शुरू हुई थी। इसके तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है, जो तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजी जाती है। अभी देशभर में 10 करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

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"चाटुकारिता नहीं पत्रकारिता ✍️✍️"

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