मितौली के जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों ने हॉस्टल में खुद को बंद कर लिया है। छात्रों का आरोप है कि प्रधानाचार्य उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में 160 छात्र शामिल हैं।

विश्व सेवा संघ, संवाददाता राहुल राज

लखीमपुर में जवाहर नवोदय स्कूल के छात्रों ने खुद को हॉस्टल में बंद कर लिया है। इनमें कक्षा 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स हैं। छात्रों ने डीएम को लेटर लिखकर प्रिंसिपल को हटाने की मांग की है। शाम को छात्रों ने फंदा लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। सुबह से भूखे प्यासे छात्रों ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फांसी लगा लेंगे। शाम 5 बजे गेट तोड़कर बच्चों को निकाल लिया गया।

बच्चों का आरोप है कि प्रिंसिपल अभद्र व्यवहार कर हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। स्कूल के स्टाफ को सबके सामने पीटते हैं। ऐसे प्रिंसिपल को स्कूल में नहीं रहना चाहिए। इनके कारण स्कूल में डर का माहौल है।

सुबह 8 बजे से हॉस्टल में बंद बच्चों का कहना है कि जब तक असिस्टेंट कमिश्नर नवोदय, डीएम या बड़ा अधिकारी नहीं आते हैं तब तक हम किसी से बात नहीं करेंगे। पांच घंटे बाद सहायक आयुक्त नवोदय विद्यालय समिति ( एसी) सुमन कुमार लखनऊ से पहुंचे।

छात्रों ने अपनी शिकायतें कागज पर लिखकर उनको दीं और कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी हम बाहर नहीं निकलेंगे। वहीं प्रिंसिपल ने सभी आरोपों को निराधार बताया।

इससे पहले सूचना पर मितौली SDM रेनू मिश्रा ने तहसीलदार ज्योति वर्मा को मौके पर भेजा। तहसीलदार ने खिड़की से झांककर बच्चों से बात करने की कोशिश की, लेकिन बच्चों ने बात नहीं की। मामला खीरी के मितौली में स्थित जवाहर नवोदय स्कूल का है। एसडीएम के पहुंचने पर पुलिस कर्मियों ने गेट तोड़कर सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया।

जानिए पूरा घटनाक्रम

मितौली के जवाहर नवोदय स्कूल में सोमवार सुबह रोज की तरह 8 बजे से कक्षाएं शुरू हुईं। 9 से 12वीं तक की किसी भी क्लास में कोई छात्र नहीं पहुंचा। केवल छात्राएं पहुंची थीं। टीचर्स ने हॉस्टल से बच्चों को बुलाने के लिए वार्डन को भेजा। वार्डन वहां पहुंचे तो देखा करीब 160 छात्र खुद को एक कमरे में बंद कर रखा था। वार्डन ने बच्चों से गेट खोलने के लिए कहा, लेकिन छात्रों ने मना कर दिया। इसके बाद छात्रों ने एक लेटर और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

वार्डन की सूचना पर टीचर्स और प्रिंसिपल खुद हॉस्टल में पहुंचे, लेकिन छात्र बात करने और बाहर आने को तैयार नहीं हुए। हॉस्टल में छात्र-छात्राओं की संख्या 550 के करीब है। प्रदर्शन करने वालों में केवल 9 से 12वीं तक के छात्र शामिल हैं, छात्राओं ने इससे खुद को दूर रखा है।

अब जानिए बच्चों ने लेटर में क्या लिखा…

स्टूडेंट्स ने डीएम को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे पत्र में लिखा है कि हम, प्रधानमंत्री श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, मितौली खीरी के छात्र अपने विद्यालय के छात्रावासों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानाचार्य एसके सक्सेना और कर्मचारी कमल अहमद के दुर्व्यवहार और पद के दुरुपयोग के कारण हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

ये शिकायतें बच्चों ने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं

  • प्रधानाचार्य ने एक कर्मचारी सचिन को दूसरों के सामने पीटा है- एक ऐसी घटना जिसे केवल कमल ने देखा था।
  • प्रधानाचार्य नियमित रूप से छात्रों को पीटते हैं, कभी-कभी बेरहमी से, जिससे परिसर में भय का माहौल बन गया है।
  • लड़कियों और महिला शिक्षकों को निजी/निजी संगीत कार्यक्रमों या समारोहों में डांस करने के लिए मजबूर करते हैं, जो अनुचित और अस्वीकार्य है।
  • प्रिंसिपल शिक्षण कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक शत्रुतापूर्ण वातावरण बनाते हैं।
  • उन्होंने हमारे कला शिक्षक एसपी सिंह को दूसरों के सामने गालियां दीं।
  • कई छात्रों और कर्मचारियों को मानसिक उत्पीड़न, धमकियों और अपमान का सामना करना पड़ा है

एक छात्र ने हॉस्टल के अंदर से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप शेयर किया। जिसमें कहा- मैं जवाहर नवोदय स्कूल का छात्र हूं। मैंने अपना चेहरा इसलिए ढक रखा है कि मेरे ऊपर आगे कोई कार्रवाई न हो। हम लोग शांति से हाउस में बैठे हैं और मेरा समिति से अनुरोध है कि समिति के उच्च अधिकारी एसी या डीसी हमसे आकर बात करें और हमारी समस्याओं को समझें।

प्रधानाचार्य का तुरंत ट्रांसफर किया जाए और उनके व्यवहार की औपचारिक जांच की जाए। कमाल अहमद का तबादला हो और वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। कोई वरिष्ठ अधिकारी (एनवीएस के डीएम, एसी और डीसी) हमसे सीधे बात करने के लिए खुद आएं।

बोले- हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे

छात्र ने कहा कि यह एक अहिंसक, शांतिपूर्ण विरोध है, लेकिन हम एकजुट हैं और अपने रुख पर अडिग हैं। हमारा एकमात्र लक्ष्य एक सुरक्षित, सम्मानजनक शिक्षण वातावरण बनाना है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि स्थिति बिगड़ने या छात्रों के कल्याण को और नुकसान पहुंचने से पहले तत्काल कार्रवाई करें। बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। इसलिए हमने अपने छात्रावास के भीतर ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

बच्चों ने सुबह से कुछ नहीं खाया था

बच्चों ने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है न ही नाश्ता किया है। उनका कहना है कि जब तक प्रिंसिपल और कमाल अहमद को हटाया नहीं जाएगा तब तक वह बाहर नहीं आएंगे। बाद में उन्हें परेशान किया जाएगा और टीसी दी जाएगी, जिससे उनका भविष्य खराब हो जाएगा।

एसडीएम के पहुंचने पर निकाला गया एसडीएम रेनू मिश्रा और सीओ जितेंद्र परिहार की मौजूदगी में थानाध्यक्ष शिवाजी दुबे ने पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। सभी बच्चे सकुशल हैं। पुलिस की सुरक्षा में सभी को पानी-बिस्किट दिया जा रहा है। उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनके साथ कोई ज्यादती नहीं होगी। एहतियातन एंबुलेंस बुलाई गई थी, लेकिन किसी बच्चे को कोई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत नहीं है

अब जानिए अधिकारियों ने क्या कहा

तहसीलदार ज्योति वर्मा ने बताया कि हमने बच्चों से बात करने की कोशिश की, लेकिन वो तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि केवल उच्च अधिकारियों से बात करेंगे, जिसकी जानकारी हमने अपने सीनियर्स को दे दी है।

प्रिंसिपल बोले- बच्चे बात करने को तैयार नहीं

प्रिसिंपल संजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि बताया कि सीनियर सेक्शन के 50 से 70 बच्चे होंगे। वो केवल एसी-डीसी से बात करने को बोल रहे हैं, इसलिए हमने लखनऊ इन्फॉर्म कर दिया है। हमने बच्चों को कन्वेंस करने की कोशिश की है, तहसीलदार और एसडीएम मैडम ने भी बात करने की कोशिश की पर बच्चे तैयार नहीं हैं। प्रिंसिपल ने कहा- सारा मैटर उच्च अधिकारियों की जानकारी में है। जवाब भी वही लोग देंगे। छात्रों के सभी आरोप निराधार हैं।

लखनऊ से पहुंचे एसी को छात्रों ने लिखित में की शिकायत

सहायक आयुक्त नवोदय विद्यालय समिति सुमन कुमार लखनऊ से मौके पर पहुंचे। छात्रों ने कागज पर अपनी शिकायतें लिखकर दीं और उनसे कहा कि सबके सामने ये चारों शिकायतें पढ़कर सुनाइए। एसी ने बच्चों की लिखित शिकायत पढ़कर सुनाई।

  • इस साल जून 2025 में स्कूल के ईसीपी ( इलेक्ट्रीशियन) श्री सचिन साहू को उनके क्वार्टर पर जाकर प्राचार्य ने MTS कमाल गाजी के साथ दरवाजा अंदर से बंद करके बुरी तरह से पीटा। इस घटना में उनके कान में बुरी तरह चोट लगी।
  • पिछले साल 26 दिसंबर 2024 की देर रात 12 बजे के बाद कक्षा 12 के तीन छात्र स्कूल की सीमा के बाहर जाने पर पुलिस कर्मी द्वारा पकड़कर लाए गए। इसके बाद कमाल गाजी की उपस्थिति में प्राचार्य द्वारा पुलिस के मना करने के बावजूद छात्रों को रॉड से बेरहमी से पीटा गया। इसमें तीनों छात्र बुरी तरह से घायल हुए और उन्हें दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया।
  • पिछले साल प्राचार्य महोदय ने अपनी वेडिंग एनिवर्सरी पर व्यक्तिगत रूप से कक्षा 11 की छात्राओं को मेहंदी लगवाकर नृत्य करवाया गया, जो बेहद निंदनीय है। एक शिक्षिका ने इसका विरोध किया तो सारा आरोप उन्हीं पर थोप दिया गया। इस कारण उस शिक्षिका और उनके समर्थन में आए सारे लोगों को मेमो दिया गया।
प्रिंसिपल के सामने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने शर्म करो के नारे लगाए।

प्रिंसिपल के सामने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने शर्म करो के नारे लगाए।

छात्रों ने एसी के सामने 6 मांगें रखी

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  • दोनों पक्षों को सामने बुलाया जाए और जो सच है वह कमाल, इकरार कुबूल करें।
  • उन्होंने जो झूठे आरोप लगाए हैं और उससे जो शिक्षकों की मानहानि हुई है उसके लिए माफी मांगें।
  • यह माफी मंच से सभी शिक्षकों और बच्चों के सामने मांगी जाए, जिसका बाकायदा वीडियो बनाया जाए।
  • जो झूठी खबर अखबार में छपवाई गई है, उसकी जगह यह माफीनामा छपवाया जाए।
  • इसके बाद कमाल का सपरिवार यहां से ट्रांसफर हो, वह स्कूल का माहौल खराब कर रहे हैं। उनकी वजह से बच्चों में भेदभाव पैदा हो सकता है, जो कि किसी के लिए भी सही नहीं है।
  • हमारी आखिरी मांग यह है कि इसके बाद किसी भी छात्र को शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना न दी जाए। यह जो कुछ भी हमने किया है, सभी की भलाई के लिए किया है। हमें गलत के खिलाफ खड़ा होना सिखाया गया है और हमने वही किया है। इससे पहले भी हमने आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी, उल्टा हमें ही घर भेज दिया गया।

By Rahul Raj (जिला संवाददाता )

विश्व सेवा संघ दैनिक हिंदी समाचार-पत्र एवं हिंदुस्तान न्यूज़ नेशन

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