रामनवमी पर्व मनाने हेतु सशर्त कोर्ट ने किसान आंदोलन हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को दिन की घर जाने की दी इजाजत , परिवार में ख़ुशी
विश्व सेवा संघ, संवाददाता
अभय पाण्डेय
लखीमपुर खीरी : जनपद लखीमपुर खीरी तहसील निघासन क्षेत्र तिकुनिया हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 5 और 6 अप्रैल को रामनवमी मनाने के लिए दो दिन लखीमपुर खीरी अपने निवास स्थान पर सशर्त जाने की इजाजत दे दी है, लेकिन उन्हें सशर्त 7 अप्रैल को शाम 5 बजे तक लखनऊ लौटना होगा।
साल 2021 में लखीमपुर में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर हिंसा मामले में जमानत दे दी है। और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें दिल्ली या लखनऊ तक आने-जाने की ही छूट दी है।
जमानत रद्द करने की मांग को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों को धमकी देने के आरोपों के आधार पर जमानत रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए है। गवाहों को स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज करने की स्वतंत्रता दी गई है।
कोर्ट ने कहा कि महत्वपूर्ण गवाहों के जल्द परीक्षण का भी आदेश जारी किया है। आशीष मिश्रा पर पहले से लगाई गई सभी शर्तें जारी रहेंगी।
किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी तहसील निघासन क्षेत्र के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को रामनवमी का त्योहार मनाने के लिए 5 और 6 अप्रैल को लखीमपुर जाने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी जिस पर कोर्ट ने मंजूरी दे दी।
पिछले साल 25 जनवरी को शीर्ष अदालत ने हिंसा की “दुर्भाग्यपूर्ण भयानक घटना” में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में किसानों की जमानत भी दे दी और ट्रायल कोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।