रिपोर्ट: विश्व सेवा संघ
शोहरतगढ़/सिद्धार्थनगर,
रेलवे स्टेशन शोहरतगढ़ पर सोमवार की रात उस समय सनसनी फैल गई जब यात्री निवास के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ। स्टेशन परिसर में मौजूद यात्रियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। शव मिलने की सूचना तुरंत स्टेशन अधीक्षक सद्दाम हुसैन द्वारा जीआरपी चौकी सिद्धार्थनगर को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
पुराने झोले में बीड़ी और बर्तन, भिक्षुक होने की आशंका
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृत व्यक्ति के पास एक पुराना झोला मिला, जिसमें पुराना बर्तन, बीड़ी और माचिस रखा हुआ था। मृतक की वेशभूषा सफेद कुर्ता और गमछा थी। इन चीजों को देखकर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतक संभवतः कोई बुजुर्ग भिक्षुक था, जो रेलवे स्टेशन परिसर में ही अपना गुजारा करता था।
स्थानीय लोगों और यात्रियों से पूछताछ के बाद भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने आसपास के लोगों को बुलाकर शव की पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी उसे पहचानने से इनकार कर दिया।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
घटना की सूचना पाकर जीआरपी चौकी प्रभारी अवधेश कुमार त्रिपाठी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उन्होंने बताया कि शव की पहचान कराने के लिए क्षेत्र के कई रेलवे स्टेशन अधीक्षकों को मृतक की फोटो भेजी गई है, जिससे संभवतः उसकी शिनाख्त हो सके।
त्रिपाठी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है या किसी अप्राकृतिक कारण से। वहीं, यदि कोई संदिग्ध तत्व सामने आते हैं तो मामले की जांच आगे बढ़ाई जाएगी।
रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा को लेकर सवाल
रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक और व्यस्त स्थान पर एक अज्ञात शव का बरामद होना स्थानीय प्रशासन और रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। यदि मृतक वहां कई दिनों से रह रहा था, तो उसकी स्थिति पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? यह सवाल यात्रियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी रामनारायण यादव ने बताया कि वह कई बार स्टेशन पर इस तरह के बुजुर्ग को बैठे हुए देख चुके हैं, जो वहां बीड़ी पीते और झोले में कुछ सामान रखे रहते थे। हालांकि वे यह नहीं कह सकते कि यही वही व्यक्ति था।
एक अन्य यात्री रमेश तिवारी ने कहा कि, “स्टेशन परिसर में आए दिन कई लोग रात गुजारते हैं, लेकिन रेलवे को ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए।“
आवश्यक कार्रवाई की तैयारी में जीआरपी
जीआरपी चौकी प्रभारी त्रिपाठी ने बताया कि शव की पहचान सार्वजनिक तौर पर कराने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। यदि तीन दिनों तक शव की पहचान नहीं हो पाती, तो नियमानुसार उसका अंतिम संस्कार नगर पालिका के सहयोग से कराया जाएगा।