विश्व सेवा संघ संवाददाता
बढ़नी विकास क्षेत्र के आधा दर्जन किसानों के धान की फसल हो गई चौपट –
बीज खरीददारी के समय किसानों को नहीं दिया जाता है कोई पक्का बिल, शिकायत के समय की जाती है मांग —
बढ़नी- आज का युवा पीढ़ी वैसे भी खेती किसानी से दूर भागने लगा है। शायद इसके पीछे कई कारण हो सकता है। लेकिन ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि कभी बाढ़ से कभी आग से , तो कभी बे मौसम की मार से, साथ ही छुट्टा पशु व जंगली जानवरों से भी अक्सर किसान परेशान रहते है। ऊपर से फसलों में कई तरह के रोग भी लग जाते हैं। जिससे किसान छुटकारा पाने के लिए बाजार से मंहगे दामों पर खाद बीज व अन्य कीटनाशक दवाओं की खरीद करता है। गांव देहात में रहने वाले किसानों को ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर घटिया क्वालिटी का दवा बीज बेचे जाने का अक्सर मामला प्रकाश में आता रहता है।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें विकास खंड बढ़नी के ग्राम सभा मधवानगर गांव के रहने वाले किसान बिक्रम गुप्ता, अयोध्या, मनीराम, अशर्फी प्रजापति उर्फ खूदी आदि लोगों ने बताया कि नगर पंचायत बढ़नी बाजार के बस स्टॉप चौराहे पर स्थित एक दुकान से महेंद्रा कपंनी 6**6 वेरायटी धान का बीज खरीद कर बोया था। जिसकी रोपाई के बाद समय पूरा हो गया है। लेकिन अभी तक उसमें फल फूल नहीं लग रहा है। जबकि उसी में कुछ अन्य किस्म का धान मिक्स किया हुआ है। जिसकी बाली पककर लटक गई है। जो मात्र 5 प्रतिशत ही है।जिससे साफ पता चलता है कि धान का बीज घटिया क्वालिटी का दिया गया था। जब उसकी शिकायत दुकानदार से किया गया तो पहले वह आनाकानी करने लगा और जब हम किसानों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तो वह पक्का बिल बाउचर व पैकेट का रेपर मांगने लगा। जबकि खरीददारी के समय कोई पक्का बिल नहीं दिया गया था। दुकानदार का कहना है कि अगर इसकी शिकायत बिना बिल के करोगे तो उल्टा ही तुम्हीं किसानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिसके डर की वजह से हम लोग कहीं शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं। अब हम लोग ऐसे दुकानदारों के यहां से कोई भी खाद बीज दवा खरीद नहीं करेंगे। हम लोगों का भरोसा व विश्वास खत्म होने के साथ ही जमा पूंजी भी साफ हो गई है।