विश्व सेवा संघ, संवाददाता
लखीमपुर खीरी – डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कुंभी-गोला का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानी। निरीक्षण के दौरान उन्हें अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं में गंभीर लापरवाहियाँ मिलीं, जिस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता, एसीएमओ डॉ सत्य प्रकाश मौजूद रहे।
प्रसव कक्ष में गंदगी, एमओआईसी से तलब किया स्पष्टीकरण
निरीक्षण की शुरुआत प्रसव कक्ष से हुई, जहां भारी गंदगी देख डीएम ने नाराजगी जाहिर की और एमओआईसी डॉ. गणेश कुमार से तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अग्निशमन यंत्रों की अनदेखी पर सख्त निर्देश स्वच्छता में लापरवाही, शौचालयों की बदहाली पर जताई नाराजगी
डीएम ने अस्पताल परिसर में लगे अग्निशमन यंत्रों की स्थिति का भी जायजा लिया। कई यंत्रों की समय पर रिफिलिंग न होने पर उन्होंने निर्देश दिए कि सभी उपकरणों की कार्यक्षमता सुनिश्चित की जाए, ताकि आपात स्थिति में कोई जोखिम न हो। डेंटल रूम में वाश बेसिन की गंदगी और पुरुष शौचालय की दुर्दशा ने डीएम को बेहद नाखुश किया। महिला शौचालय बंद मिलने पर उन्होंने इसे मरीजों के प्रति संवेदनहीनता करार दिया और एमओआईसी को सख्त चेतावनी दी।
रसोई और औषधि भंडार की भी जांच
निरीक्षण के दौरान डीएम रसोईघर पहुँचीं और मरीजों को परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता व वितरण की प्रक्रिया का आकलन किया। उन्होंने निर्देश दिए कि खाना साफ-सुथरे तरीके से परोसा जाए और मेनू के अनुसार हो। साथ ही, औषधि भंडार में रखी दवाओं की उपलब्धता और रिकॉर्ड का भी निरीक्षण कर स्टॉक की समय-समय पर जांच सुनिश्चित करने को कहा।डीएम ने अस्पताल में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने स्टाफ की कमी से जुड़े विवरण शासन को शीघ्र भेजने के निर्देश दिए, ताकि आवश्यक संसाधनों की पूर्ति समय पर हो सके। निरीक्षण के अंत में डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने चेताया कि यदि अगली बार भी ऐसी ही स्थितियाँ मिलीं तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों की सेवाओं में सुधार प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जब डीएम बनीं मरीजों की हमदर्द
निरीक्षण के दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने सिर्फ व्यवस्थाओं को नहीं परखा, बल्कि सीधे मरीजों और उनके तीमारदारों से बातचीत कर उनकी ज़मीनी जरूरतों को सुना। उन्होंने इलाज की स्थिति, दवाओं की उपलब्धता और स्टाफ के व्यवहार से जुड़े अनुभवों की पड़ताल की। इस मानवीय संवाद ने न केवल मरीजों को भरोसा दिया, बल्कि अस्पताल प्रशासन को भी बेहतर सेवा देने की जिम्मेदारी का अहसास कराया।