mahila sipahi ki hatya

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद में बुधवार सुबह एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने न केवल स्थानीय पुलिस प्रशासन को सकते में डाल दिया, बल्कि पूरे प्रदेश में वर्दी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए। मसौली थाना क्षेत्र के एक खेत में सुबेहा थाने में तैनात महिला कांस्टेबल विमलेश पाल का शव बुरी हालत में बरामद हुआ। शव की स्थिति इतनी भयावह थी कि जिसने भी देखा उसकी रूह कांप गई। महिला सिपाही का शव

ग्रामीणों ने सुबह के समय खेत में एक शव देखा, जो झाड़ियों के बीच पड़ा हुआ था। उन्होंने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी। मसौली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त की कोशिश शुरू की। थोड़ी ही देर में मृतका की पहचान विमलेश पाल के रूप में हो गई, जो बाराबंकी के सुबेहा थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात थीं।

रिपोर्ट: राधे पाल | विशेष संवाददाता, विश्व सेवा संघ

चेहरा झुलसा, हाथों में रस्सी के निशान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शव का चेहरा बुरी तरह झुलसा हुआ था, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि उस पर एसिड फेंका गया या किसी केमिकल से जलाया गया। इसके अलावा दाहिने हाथ पर गहरे रस्सियों के निशान थे, जो इस ओर इशारा कर रहे थे कि संभवतः हत्या से पहले उसे बांधा गया था। यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि पूरी क्रूरता और बर्बरता की घटना प्रतीत होती है।

घटनास्थल के पास मिला स्कूटर

शव के पास ही कुछ दूरी पर एक स्कूटर बरामद हुआ है, जिसकी नंबर प्लेट से पता चला कि वह विमलेश पाल के नाम से रजिस्टर्ड है। स्कूटर और शव के बीच की दूरी करीब 100 मीटर थी। इससे पुलिस को शक है कि पहले उसे दूसरी जगह ले जाया गया और फिर शव को खेत में लाकर फेंका गया।

खास बात यह है कि यह शव संभवतः दो से तीन दिन से वहीं पड़ा था, और इतने दिनों तक किसी को भनक तक नहीं लगी। यह बात स्थानीय निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर चूक को उजागर करती है।

मंदिर ड्यूटी पर थी, लेकिन पहुंची नहीं

पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि कांस्टेबल विमलेश पाल की ड्यूटी पास ही स्थित लोधेश्वर महादेवा मंदिर में लगी थी, जहां श्रावण मास के कारण भारी भीड़ रहती है और पुलिस बल की तैनाती होती है। लेकिन वह अपनी ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं कर पाईं। परिजनों ने भी दो दिन पहले से मोबाइल बंद आने और कोई संपर्क न होने की सूचना दी थी।

हरदोई में तैनात सिपाही इंद्रेश पर शक

पुलिस की जांच में अब संदेह की सुई हरदोई जिले में तैनात सिपाही इंद्रेश की ओर घूम रही है। सूत्रों के अनुसार, इंद्रेश और विमलेश के बीच कुछ समय से संबंध थे और दोनों की जान-पहचान थी। जांच में यह भी सामने आया है कि घटना वाले दिन इंद्रेश की मौजूदगी घटनास्थल के आसपास देखी गई थी। पुलिस अब इंद्रेश से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है और सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों (सीसीटीवी, मोबाइल लोकेशन आदि) को खंगाल रही है।

परिवार की पीड़ा: बुजुर्ग मां का इकलौता सहारा थी

विमलेश पाल तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। उनके पिता का देहांत पहले ही हो चुका था और वह अपनी बुजुर्ग मां आरती देवी के साथ रहती थीं। मां के लिए वह न केवल बेटी, बल्कि एकमात्र सहारा थीं। इस घटना से पूरा परिवार टूट चुका है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि विमलेश को मानसिक रूप से काफी समय से प्रताड़ित किया जा रहा था और उन्होंने विभागीय अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

एक महिला कांस्टेबल, जो राज्य पुलिस बल का हिस्सा थी, उसकी हत्या इस तरह से होना और उसका शव दो से तीन दिन तक खेत में पड़े रहना, कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जिस सिस्टम की जिम्मेदारी सुरक्षा देना है, जब उसी सिस्टम की एक महिला सदस्य को यह हश्र झेलना पड़े, तो आम नागरिक कितना सुरक्षित है — यह सवाल पूरे प्रदेश में उठ खड़ा हुआ है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने कहा, “यह एक बेहद गंभीर मामला है। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं। कई टीमों का गठन किया गया है और फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। हम शीघ्र ही सच्चाई तक पहुंचेंगे और दोषियों को पकड़कर सख्त कार्रवाई करेंगे।”

राजनीति और महिला संगठनों का आक्रोश

घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर रिपोर्ट मांगी है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा में विफल होने का आरोप लगाया है और मांग की है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

निष्कर्ष: क्या कोई भी सुरक्षित नहीं?

वर्दी में होने के बावजूद विमलेश पाल को यह दिन देखना पड़ा — यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आखिर एक पुलिस कांस्टेबल की भी इतनी दर्दनाक मौत हो सकती है, वह भी बिना किसी सुरक्षा के, तो आम नागरिकों की स्थिति की कल्पना भी डरावनी है।

अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस दर्दनाक हत्या के पीछे छिपे अपराधियों को बेनकाब कर पाएगा या यह भी सिर्फ एक आंकड़ा बनकर फाइलों में दफन हो जाएगा।


📌 विशेष अपील

“यदि किसी ने इस घटना से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि देखी हो, तो कृपया तुरंत पुलिस से संपर्क करें। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।”

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