विश्व सेवा संघ संवाददाता जय प्रकाश त्रिपाठी

सिद्धार्थनगर। जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. ने शुक्रवार को मिठवल स्थित खंड विकास अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय में चल रही योजनाओं की पत्रावलियों और रजिस्टरों का गहन अवलोकन किया तथा कई गंभीर अनियमितताओं पर नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी ने सबसे पहले क्षेत्र पंचायत के अनुदान पंजिका भाग-03 का अवलोकन किया। इसके पश्चात जिगना गांव में विनय सिंह के घर से पश्चिम गेट तक इंटरलॉकिंग कार्य की पत्रावली देखी गई, जिसमें लैकलॉग (कार्य प्रगति रिपोर्ट) न मिलने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने निर्देशित किया कि ₹3 लाख से ऊपर के कार्यों का निरीक्षण सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा तथा ₹5 लाख से ऊपर के कार्यों का निरीक्षण खंड विकास अधिकारी द्वारा कर रिपोर्ट पत्रावली में सुरक्षित रखी जाए।
इसके बाद असनार गांव में राम जानकी मंदिर के पास शौचालय निर्माण कार्य की पत्रावली की जांच की गई, जिसमें निरीक्षण रिपोर्ट और स्थल की तस्वीरें अनुपस्थित थीं। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल पुनः निरीक्षण कर रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान एपीओ (सहायक परियोजना अधिकारी) पटल का भी निरीक्षण किया गया। मस्टर रोल रजिस्टर देखने पर पक्का कार्य का मैटेरियल रजिस्टर अनुपलब्ध मिला, जिस पर डीसी मनरेगा को एपीओ विनोद कुमार जायसवाल से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए गए।
सहायक विकास अधिकारी पंचायत कार्यालय के निरीक्षण में ग्राम पंचायत भरतना के 2025-26 में निर्मित अन्नपूर्णा भवन के भुगतान की प्रविष्टि रजिस्टर में न मिलने पर डीएम ने नाराजगी जताई और स्पष्टीकरण तलब किया।
उपायुक्त स्वरोजगार कार्यालय के निरीक्षण में भी खामियां पाई गईं। वर्ष 2024-25 में 232 लाभार्थियों को दिए गए रिवाल्विंग फंड (सीसीएल) की प्रविष्टियां सीसीएल व REF रजिस्टर में अंकित नहीं थीं। इस पर डीसी एनआरएलएम को बीएमएम अरुण और सरताज को नोटिस देने का निर्देश दिया गया।
निरीक्षण के अंत में खंड विकास अधिकारी मिठवल सौरभ पांडेय से भी स्पष्टीकरण मांगा गया। इस दौरान खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।