विश्व सेवा संघ संवाददाता, सिध्दार्थ नगर

इटवा,
जनपद सिद्धार्थनगर के इटवा थाना क्षेत्र में एक नया धर्मांतरण प्रकरण प्रकाश में आया है। शाहपुर निवासी अखंड प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्हें अल-फारूक इंटर कॉलेज में नौकरी दिलाने के बहाने धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया।

पीड़ित अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में वह कॉलेज में लिपिक पद के लिए गए थे, जहां प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद ने 15,000 रुपये मासिक वेतन का प्रस्ताव दिया। इसी दौरान कार्यालय में मौजूद 4-5 लोगों के सामने उनसे 100 रुपये के सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवा लिए गए।

उनका आरोप है कि बाद में उन पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया गया। साथ ही व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें धर्म परिवर्तन के बदले 20 लाख रुपये का प्रलोभन दिया और बड़ौदा, गुजरात स्थित एक जमात में बुलाकर रुपये देने की बात कही। अखंड प्रताप किसी तरह वहां से भागकर लौट आए।

पीड़ित ने इस संबंध में पहले मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा और इसके बाद मंगलवार को इटवा थाने में लिखित तहरीर दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/5 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इटवा थानाध्यक्ष श्याम सुंदर तिवारी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी गई है और सभी तथ्यों को खंगाला जा रहा है।

यह मामला बलरामपुर में सामने आए धर्मांतरण मामले के बाद एक बार फिर से प्रदेश में धर्मांतरण की कोशिशों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है।

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